वाराणसी आरटीओ के बार-बार नोटिस से परेशान वरिष्ठ नागरिक ने मानहानि का ठोका मुकदमा

जर्जर वाहन का टैक्स जमा करने के बाद भी, टैक्स जमा करने के लिए लगातार आरटीओ भेजता रहा नोटिस

प्रखर वाराणसी। आरटीओ द्वारा बार-बार नोटिस भेजने से अजीज आकर वाराणसी जनपद के भेलूपुर निवासी एक वरिष्ठ नागरिक ने मानसिक प्रताड़ना व मानहानि का मुकदमा आरटीओ पर ठोका है। बतादें कि उनके द्वारा अपनी गाड़ी का संपूर्ण भुगतान किए जाने के बाद भी आरटीओ द्वारा लगातार कई बार उन्हें नोटिस भेज राशि जमा करने की बात कही। बार-बार वे उस नोटिस का जवाब के तौर पर भुगतान किए गए पैसे की रसीद उन्हें भेजते, लेकिन उसको अनदेखा कर फिर नोटिस भेज देते। जिससे अजीज आकर वरिष्ठ नागरिक ने आरटीओ पर मानसिक प्रताड़ना व मानहानि का मुकदमा ठोक दिया। उक्त मामले में प्रखर पूर्वांचल से बातचीत करते हुए भुक्तभोगी वरिष्ठ नागरिक भेलूपुर निवासी विरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मैंने अपनी ट्रक संख्या यूपी 63 एफ 9612 मॉडल 2006 को मैंने वाराणसी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन के कार्यालय में आवेदन कर अपनी गाड़ी की हालत जर्जर बताते हुए उसके पंजीयन चिन्ह को रद्द करने का आवेदन दिया। जिसमें उन्होंने मुझे पत्र द्वारा अवगत कराया कि आपका पंजीयन रद्द कर दिया गया है आपके ऊपर कोई बकाया राशि नहीं है। 26 जून 2014 को रद्द होने के बाद भी बार-बार सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय से नोटिस भेजा गया और वाहन पर बकाया टैक्स को जमा करने की बात कही गई। मैंने उस नोटिस के जवाब के तौर पर लगातार कार्यालय को अवगत कराया कि मैंने पैसा जमा कर दिया है, मेरे ऊपर कोई बकाया राशि नहीं है। साथ में उनके द्वारा दिए गए पत्र की कॉपी भी संलग्न किया। लेकिन बार-बार उनके द्वारा नोटिस दिया गया, जिससे मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित होते हुए अंततोगत्वा मानहानि व मानसिक प्रताड़ना का मुकदमा करने का फैसला किया। बता दें कि भेलूपुर निवासी विरेंद्र प्रताप सिंह ने संभागीय परिवहन अधिकारी को वादी बनाते हुए वाराणसी न्यायालय द्वितीय अपर सिविल जज के यहां मुकदमा किया है। अब देखना यह है कि संभागीय परिवहन अधिकारी उक्त मामले में अपनी क्या प्रतिक्रिया देते हैं? उनका पक्ष जानने के लिए प्रखर पूर्वांचल ने उनके सीयूजी नंबर पर फोन किया तो उनका फोन पहुंच से बाहर आया।