शुक्रवार को भाजपा नेता से हाथापाई के बाद लंका एसओ व सुंदरपुर चौकी इंचार्ज सहित चार पुलिस कर्मियों को किया गया निलंबित

प्रखर वाराणसी। बीते शुक्रवार को भाजपा नेताओं व पुलिस के साथ हुई झड़प के मामले में एसओ लंका, सुंदरपुर चौकी प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों को मामला तूल पकड़ने के बाद निलंबित कर दिया गया। बतादे कि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा द्वारा गठित जांच टीम की जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों द्वारा अति उत्साह में उठाये गये कदम को जिम्मेदार ठहराया गया है। बताते चले कि शुक्रवार की देर रात पुलिस को यह सूचना दी गई कि सुंदरपुर में काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास पटेल किसी मुकदमे को लेकर दबाव बना रहे हैं। इसके बाद सुंदरपुर के प्रभारी चौकी इंचार्ज सुनील गौड़ ने फैंटम दस्ते के सिपाहियों को मौके पर भेजा , फिर पुलिस का दावा है कि भाजपा नेता ने सिपाहियों को अनाप-शनाप बोलना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि भाजपा नेताओं का आरोप था कि मास्क न होने पर पुलिस ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी।
वही विवाद बढ़ने पर विकास ने अपने पिता भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल को फोन किया। वही सूचना मिलते ही सुरेंद्र अपने साथ करीब दर्जन भर लोगों को लेकर मौके पर पहुंचे तो विवाद और बढ़ गया और हाथापाई तक की नौबत आ गई। जिसके बाद पुलिस ने कई संगीन धाराओं में भाजपा नेताओं के ऊपर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। वही जब मामला ने तुल पकड़ा तो धाराएं हटा ली गई। तब जाकर भाजपा नेताओं की जमानत हुई। वही पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी को सौपा गया। बतादे कि जांच रिपोर्ट के बाद एसओ लंका अश्वनी चतुर्वेदी, सुंदरपुर चौकी प्रभारी सुनील गौड़ सहित सिपाही मनोज प्रताप व धर्मेन्द्र को निलंबित कर दिया गया है।