हेरिटेज मेडिकल कॉलेज में पहुंचा कोरोना छात्रों में हड़कंप

– छात्रों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का लगाया

– मंगलवार की रिपोर्ट में पॉजिटिव छात्र को मेडिकल कॉलेज में भेजा कोरोना सेंटर

प्रखर वाराणसी। पूर्वांचल के प्रतिष्ठित प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हेरिटेज में कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है । बता दें कि मंगलवार को बीएचयू से आई कोरोना रिपोर्ट में मेडिकल कालेज परिसर के छात्रावास में रहने वाले एक छात्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे सैकड़ों छात्रों में भय का माहौल बन गया है। बता दें कि हेरिटेज मेडिकल कॉलेज के कैंपस में लगभग 400 छात्र मेडिकल के तमाम विभागों में पढ़ाई कर रहे हैं । जानकारी के अनुसार लगभग सभी छात्रों का भोजनालय एक है। छात्रों का आरोप है कि संक्रमित पाए गए छात्र भी उसी भोजनालय में भोजन करते थे। लेकिन उनके पॉजिटिव आने के बाद भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा भोजनालय और अन्य सार्वजनिक जगहों को सेनेटाइज कराने का कोई कार्य नहीं कराया गया है । बता दें कि लॉकडाउन के दौरान ही मेडिकल कालेज ने अपने यहां पढ़ने वाले तमाम छात्रों को मेल और फोन के जरिए इंटरनल परीक्षा कराने के नाम पर वापस बुला लिया था। लेकिन कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने का कोई इंतजाम मेडीकल कालेज परिसर में नहीं कराया गया है। कॉलेज प्रशासन के इस रवैए से मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे छात्रों के परिजन भी बुरी तरह भयभीत हो गए हैं। इस संबंध में एक परिजन ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने कालेज प्रशासन से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन मेडिकल कॉलेज का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति उनकी बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं है। हेरिटेज मेडिकल कॉलेज परिसर में कई छात्रों के कोरोना वायरस के चपेट में आने के बाद भी अभी तक मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से कोई भी सुविधा उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए छात्र को लगभग 12 घंटे बाद कोरोना वायरस सेंटर भेजा गया है जबकि एक अन्य छात्र जो कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। उसे अभी भी कालेज परिसर के छात्रावास में ही रखा गया है। छात्रों के विरोध के बाद उसके रूम पार्टनर को करीब 24 घंटे बाद दूसरे कमरे में रहने की सुविधा मेडिकल कॉलेज द्वारा दी गई है। अब बड़ा सवाल यह है कि करोड़ों की फीस वसूलने वाले यह प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अगर अपने छात्रों को इस वैश्विक महामारी के दौरान भी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं तो फिर इनसे दूसरों के इलाज की क्या उम्मीद की जा सकती है। बता दें कि वाराणसी स्थित हेरिटेज मेडिकल कॉलेज लगातार सुर्खियों में बना रहता है इसके पहले एक मेडिकल स्टूडेंट ने वहां आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद मेडिकल कॉलेज के रवैए पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा था। अब बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ जहां सरकार कोरोना जैसी बीमारी से लड़ने के लिए तमाम उपाय कर रही है तो वही हेरिटेज मेडिकल कॉलेज का रवैया उसके सारे कार्ययोजनाओं पर पानी फेरते हुए दिखाई दे रहे हैं।