ग़ाज़ीपुर- कोरोना चैम्पियन का तिरस्कार करने के बजाय करें सम्मान और बढ़ाएं हौसला

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। कोविड-19 से ग्रसित मरीजों और उनके परिवार के प्रति मौजूदा वक्त में समुदाय के लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया कि बेहद आवश्यकता है। कोरोना से जंग जीत चुके कोरोना चैम्पियन को इस मुश्किल वक्त में उनका तिरस्कार न करें बल्कि उनका हौसला अफजाई करें और सम्मान के नजरिए से देखें। सरकार कोरोना चैम्पियन के प्रति समुदाय में लोगों को जागरूक कार्य कर रही है ताकि कोरोना चैम्पियन के प्रति उनके व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सके। इसी कड़ी में जनपद के कई समाजसेवी कोरोना चैम्पियन एवं उनके परिवार का हौसला बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीकों से लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से संदेश भेजकर आमजन से सहयोग की अपील भी कर रहे हैं।
कासिमबाद ब्लॉक के रहने वाले एक कोरोना चैम्पियन ने बताया कि जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी तभी से लोगों ने उनसे दूरियां बनाना शुरू कर दिया। फोन करने पर भी लोग फोन नहीं उठाते थे। लेकिन एल-1 हॉस्पिटल सडेही में इलाज के दौरान डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा काफी सराहा और हौसला भी बढ़ाया। पूर्ण रूप से ठीक होने के पश्चात उन्होने फूल माला पहनाकर विदा किया। उन्होने बताया कि इलाज के लिए उन्हें एल-1 हॉस्पिटल सहेडी में शिफ्ट किया गया था और वहां से स्वस्थ होकर घर आया और सात दिनों का होम कोरेनटाइन भी पूरा किया। वहीं शहर कोतवाली के रहने वाले एक कोरोना संभावित व्यक्ति के परिजन ने बताया कि उनके परिवार के एक सदस्य ने मेडिकल मोबाइल यूनिट और ट्रू-नाट से कोरोना की जांच कराई थी, जिसमें ट्रू-नाट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई लेकिन बीएचयू से निगेटिव रिपोर्ट आई। जब इसकी जानकारी आसपास के लोगों को हुयी तो उन्होने दूरियां बनाना शुरू कर दिया और आना जाना भी बंद कर दिया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ. के.के. वर्मा ने बताया कि ऐसी नाजुक परिस्थितियों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अपनापन देने की कोशिश करनी चाहिए ताकि वह हौसला बढ़े। साथ ही स्वस्थ होकर वापस आने पर उसका फूल मालाओं से स्वागत करना चाहिए। इसके अलावा समुदाय में लोगों को कोरोना चैम्पियन को लेकर जन जागरूकता गतिविधियों एवं संदेशों का प्रसार करना चाहिए ताकि उनके व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सके। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के साथ आसपास के वार्डों में मरीजों निस्वार्थ भावना से तीमारदारी में लगे समाजसेवी कुंवर वीरेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक मैसेज आमजन तक भेजा जिसमें उन्होंने अपील किया है कि जब भी कभी आपके आसपास के किसी व्यक्ति या पड़ोसी को कोरेंटाइन या आइसोलेशन के लिए ले जाया जा रहा हो तो उसकी वीडियोग्राफी करके उसे आपराधिक बोध जैसा अनुभव कराने का प्रयास न करें। बल्कि अपने घर के दरवाजे, बालकनी से या छत से आवाज लगाकर, हाथ उठाकर, हाथ हिलाकर उनका उत्साह बढ़ाएं और कहें कि आप जल्द ही ठीक होकर हमारे बीच में फिर से पहले जैसी जिंदगी शुरू कर सकेंगे। उन्हें जल्द ठीक होकर घर वापसी के लिए शुभकामनाएं दें, उनका सम्मान करें, उनके लिए प्रार्थना करें, उन्हें अच्छा पड़ोसी व मित्र होने का एहसास कराएं, जिससे वह अंदर से मज़बूत होकर सबके साथ फिर से जुड़े। ऐसा करने से उन्हें अच्छा लगेगा साथ ही आपको भी शांति प्राप्त होगी, क्योंकि इस स्थान पर हम में से कोई भी हो सकता है। बीमारी दवा से कम और मनोबल से ज़्यादा ठीक होती है। एक-दूसरे का मनोबल बढ़ाएं। ईश्वर से प्रार्थना करें सभी का मंगल हो। सभी स्वस्थ रहें। सबके जीवन में प्रेम और शांति की स्थापना हो।