बिहार सरकार ने हाईस्कूल व इंटर में फेल 2 लाख से अधिक छात्रों को किया पास

प्रखर डेस्क। बिहार सरकार का बड़ा फैसला-मैट्रिक, इंटर की परीक्षा में फेल हुए दो लाख से ज्यादा छात्रों को पास घोषित किया गया। बिहार में जारी कोरोना संकट के बीच बिहार सरकार ने छात्रों के लिए बड़ा फैसला लिया है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में फेल हुए 2 लाख 14 हजार से ज्यादा छात्रों को पास घोषित कर दिया गया है. दरअसल सरकार कोरोना के कारण कम्पार्टमेंटल परीक्षा नहीं ले पा रही है, लिहाजा ये फैसला लिया गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में ऐसे लाखों छात्र फेल घोषित किये गये हैं जो सिर्फ एक या दो विषय में फेल थे. इसके कारण उनका रिजल्ट फेल घोषित किया गया था. सरकारी नियमों के मुताबिक ऐसे छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है. अगर कम्पार्टमेंटल परीक्षा में वे पास कर जाते हैं तो उन्हें पास घोषित किया जाता है. लेकिन कोरोना संकट के कारण बिहार में मैट्रिक और इंटर की कम्पार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन संभव नहीं था. लिहाजा बिहार विद्लायल परीक्षा समिति ने राज्य सरकार से दिशा निर्देश मांगा था. सरकार ने कहा कि कोरोना के कारण कम्पार्टमेंटल परीक्षा संभव नहीं है और अगर दो-तीन महीने बाद ये परीक्षा ली भी जाये तो रिजल्ट घोषित करने में नवंबर-दिसंबर तक का समय लग जायेगा. ऐसे में छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा का कोई लाभ नहीं मिल पायेगा.कोरोना के कारण कम्पार्टमेंटल परीक्षा को स्थगित किये जाने से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने बडा फैसला लिया है. सरकार ने ऐसे सभी छात्रों को पास घोषित कर दिया है जो कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने के योग्य थे. यानि एक या दो विषय में फेल थे. सरकार ने तय किया है कि ऐसे छात्र जिस विषय में फेल हैं उसमें उनका नंबर बढ़ा कर उन्हें पास घोषित कर दिया जायेगा. सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसा फैसला अपवाद स्वरूप सिर्फ एक बार के लिए लिया गया है. यानि अगले साल ये फैसला अमल में नहीं लाया जायेगा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 2020 की मैट्रिक परीक्षा में 1 लाख 8 हजार 459 छात्र एक विषय में फेल कर गये थे. वहीं, 99 हजार 688 छात्र दो विषय में फेल थे. ऐसे छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में बैठने की मंजूरी थी. यानि मैट्रिक परीक्षा में फेल हुए कुल 2 लाख 8 हजार 147 छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने की अनुमति थी. वहीं इंटर परीक्षा 2020 में 46 हजार 5 छात्र एक विषय में तो 86 हजार 481 छात्र दो विषयों में फेल थे. यानि इंटर परीक्षा में फेल होने वाले कुल 1 लाख 32 हजार 486 छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने की अनुमति थी. राज्य सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक इंटर परीक्षा के कुल 72 हजार 610 छात्रों को ग्रेस अंक देकर पास कर दिया गया है. वहीं मैट्रिक परीक्षा के 1 लाख 41 हजार 677 छात्रों को ग्रेस अंक देकर पास कर दिया गया है. सरकार ने कहा है कि इस फैसले से लाखों छात्रों का एक साल बर्बाद होने से बच गया है और वे आगे की कक्षा में नामांकन ले सकेंगे. गौरतलब है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 24 मार्च को इंटर परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया था. वहीं मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट 26 मई को जारी किया गया था.