ग़ाज़ीपुर- कोरोना काल में वरदान साबित हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

• पिछले चार माह में पहली बार गर्भवती हुईं 5,431 महिलाओं को मिला लाभ
• पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य देखभाल के लिए तीन किस्तों में दिये जाते हैं 5000 रुपये

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। कोविड-19 के दौर में कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधे तौर पर असर पड़ा है। ऐसे में पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना चलायी जा रही है, जो अब महिलाओं के लिये वरदान साबित हो रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती व गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है। योजना में पहली बार मां बनने पर गर्भवती महिला के खाते में तीन किश्तों में 5000 रूपये दिये जाते हैं, जिससे वह गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सकें। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो अप्रैल 2020 से जुलाई 2020 तक 5,431 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया मैनेजर (डीसीपीएम) अनिल वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना के तहत अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 28,731 महिलाओं का पंजीकरण किया गया, जिसमें से 28,731 महिलाओं को लाभ मिल चुका है। वहीं कोविड-19 के दौरान अप्रैल 2020 से जुलाई 2020 तक 5,431 लाभार्थियों को योजना का दिया गया। उन्होंने बताया कि जनवरी 2017 से शुरू हुयी योजना तहत अब तक 22.28 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। तीन किश्तों में दिये जाते हैं पांच हजार रूपये।
मोहम्दाबाद ब्लॉक पीएचसी के बीपीएम संजीव ने बताया कि योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5000 रूपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रूपये दिये जाते है। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रूपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चरण का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 दिये जाते है। ब्लॉक मोहम्दाबाद ग्राम हाटा की लाभार्थी बंदना ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के कठिन समय में अतिरिक्त पोषण एवं भोजन की आवश्यकता थी। इस परिस्थित में स्वास्थ्य विभाग की योजना के तहत 5000 रूपये के रूप में बड़ी आर्थिक सहायता मिली जिससे उनके इलाज और खान-पान में बहुत सहायता मिली है। जिले के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारियों की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम के माध्यम से भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड (एमसीपी कार्ड), आधार कार्ड व पासबुक की छाया प्रति फार्म भरते समय जमा करना होता है।