एंबुलेंस माफियाओं के भरोसे चल रहा नोवा हॉस्पिटल, बदलापुर विधायक ने मुख्यमंत्री से की शिकायत

 

बदलापुर विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने चार पन्ने में सभी पीड़ितों के नाम दर्शाते हुए शिकायत की है

 

रमेश चंद्र मिश्र ने जबरजस्ती लाखों में बिल बनाकर धमकी देने का आरोप भी लगाया है हॉस्पिटल पर

 

प्रखर वाराणसी/जौनपुर। पूर्वांचल में एंबुलेंस माफियाओं का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि अपने मन मुताबिक हॉस्पिटल में ले जाकर मरीज को पटक देते हैं, जहां से कमीशन लेकर रफूचक्कर हो जाते हैं। और अब हॉस्पिटल अपना नया खेल शुरू करते हुए, मरीज के ऊपर लाखों में बिल बनाकर मरीज के परिजनों को हतोत्साहित करते हुए उन्हें धमकी देकर पैसे मांगते हैं। बता दें कि पिछले कई वर्षों से पूरे पूर्वांचल में एंबुलेंस माफिया पूरी तरह से सक्रिय है और सरकारी हॉस्पिटल में रेफर मरीजों को अपनी सेटिंग बनाकर जबरदस्ती प्राइवेट हॉस्पिटल से मिलाकर कमीशन खोरी का खेल खेलते हैं और अपना कमीशन लेकर मौके से निकल जाते हैं। और डॉक्टर प्राइवेट हॉस्पिटल का उस मरीज पर उनका कमीशन जोड़कर बिल बना देता है। ऐसे ही कई मामले जौनपुर जिले से प्रकाश में आया है। जहां पर सरकारी हॉस्पिटल के कई मरीजों को बीएचयू अन्य सरकारी हॉस्पिटल में रेफर किया गया लेकिन एंबुलेंस माफिया उस मरीज को अपनी सेटिंग के हिसाब से वाराणसी के शिवपुरी स्थित नोवा हॉस्पिटल ले आए, जहां पर उनका इलाज कराया गया और लाखों का बिल बना दिया गया, साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि उनकी मौत के बाद भी उनके परिजनों को नहीं बताया गया क्योंकि वह लोग बिल नहीं देंगे। बता दें कि बदलापुर विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने जो मुख्यमंत्री को आवेदन दिया है उस आवेदन में लिखा है कि जौनपुर के सरकारी हॉस्पिटल के मरीजों को वाराणसी के बीएचयू हॉस्पिटल में रेफर किया जाता था, लेकिन वहां के कर्मचारियों की मिलीभगत से प्राइवेट एंबुलेंस के द्वारा इन मरीजों को नोवा हॉस्पिटल भेजकर लाखों में धन उगाही की जाती थी। जिसमें गरीब मरीज भी फस कर जमीन घर इत्यादि बेचने पर मजबूर हो जाते थे। यह मामला जब बदलापुर विधायक के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस मामले में अपनी सक्रियता दिखाते हुए एक जनप्रतिनिधि के रूप में यह कदम उठाया और वाराणसी के शिवपुरी स्थित नोवा हॉस्पिटल पहुंचे और मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की बात कही। साथ ही उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ कि मैं इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंच जाऊंगा। बता दें कि उन्होंने मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र में 7 मरीजों का जिक्र किया है, जिनसे भारी संख्या में धन उगाही की गई है । अब बड़ा सवाल यह है कि जब स्वास्थ्य से जुड़े भगवान के रूप में माने जाने वाले यह डॉक्टर अगर इस प्रकार का कृत्य करते हैं तो बाकी लोग क्या करते होंगे? हम जिन्हें भगवान के बाद दूसरा भगवान मानते हैं, वह पैसे के लिए इस स्तर तक गिर सकते हैं। ऐसा सोचकर ही डर लगता है। रमेश चंद्र मिश्र ने मुख्यमंत्री को दिए गए आवेदन में बाकायदा गाड़ियों का नंबर हॉस्पिटल का नाम इत्यादि का उल्लेख किया है और मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की का आग्रह भी किया है। अब देखना यह है कि इस मामले में कैसी कार्रवाई की जाती है।