गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस 4 घंटे तड़पने के बाद मौत

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प्रखर सोनभद्र। म्योरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत परनी की एक बस्ती में एंबुलेंस के इंतजार में चार घंटे तड़पकर प्रसव पीड़िता की मौत हो गई। एंबुलेंस के नहीं आने पर महिला का घर में ही प्रसव कराया गया था। नवजात स्वस्थ है। हालत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में महिला ने दम तोड़ा। म्योरपुर के सीएचसी अधीक्षक का कहना है कि, एंबुलेंस की मॉनीटरिंग लखनऊ से होती है। वह इस लापरवाही के लिए पत्र लिखेंगे । परनी के दलित बस्ती निवासी 35 वर्षीय रमाशंकर की पत्नी 32 वर्षीय सोनकुंवर को गुरुवार की दोपहर प्रसव पीड़ा हुई। रमाशंकर ने बताया कि इस पर उसने 102 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाया। फोन रिसिव करने वाले ने कहा कि 20 मिनट में एंबुलेंस आपके यहां पहुंच जाएगी। एक घंटे बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तब उन्होनें गांव की आशा रीना को बताया। इस पर आशा उनके यहां पहुंची और उसने तुरंत 102 एंबुलेंस को फोन लगाया गया तो फोन रिसीव करने वाले ने बताया कि एंबुलेंस जिला अस्पताल गयी है। आने में चार घंटे लगेंगे। उधर, सोनकुंवर की प्रसव पीड़ा और तेज हो गई। इस पर आशा ने एंबुलेंस जल्दी बुलाने के 108 नंबर पर फोन लगाया। फोन रिसीव कर कहा गया दो घंटे के बाद एंबुलेंस मिलेगी। रमाशंकर के अनुसार इसी दौरान उनकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दे दिया। जन्म के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य थे। कुछ देर पर उनकी पत्नी को तेज ब्लिडिंग होने लगी। उसकी हालत खराब होने लगी। इस पर उन्होंने ग्राम प्रधान मनोज यादव को मामले की जानकारी दिया तो ग्राम प्रधान ने तुंरन्त एक गाड़ी रमाशंकर के घर भेजा। आनन-फानन में महिला को म्योरपुर सीएचसी ले जाने लगा। लेकिन, रास्ते में ही महिला बेहोश हो गयी। अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने महिला को देखते ही मृत घोषित कर दिया। परिजन जब सोनकुंवर को अस्पताल लाए तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। एंबुलेंस समय से नहीं मिली, इसके बारे में मैं कुछ बता नहीं सकता। क्योंकि एंबुलेंस की मॉनीटरिंग लखनऊ से ही होती है। वैसे समय से एंबुलेंस न पहुंचने की जानकारी मिली है। इसके लिए शासन को लिखूंगा।