प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति लखनऊ चेयरमैन डॉ. उमेश शर्मा के निर्देशानुसार आज दिन बुधवार को जिला कारागार गाजीपुर समिति के 5 सदस्यीय टीम द्वारा जिला जेल व अस्थाई जेल का निरीक्षण किया गया, जिसमें जांच में छोटी मोटी चीजों को छोड़कर बाकी सब सही पाया गया। बता दें कि मंगलवार को ही जिला जज राघवेंद्र, जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस अधिक्षक डॉ. ओम प्रकाश सिंह, सीजीएम सुनील कुमार ने जिला जेल का निरीक्षण किया था। आज अपराध निरोधक समिति द्वारा जिला जेल व अस्पताल का निरीक्षण किया गया, जिसमें कुल 23 वार्ड है, जिसमें 14 मरीज भर्ती है, जिसमें दिव्यांग कैदी महेंद्र राम जून 2012 से बंद है। उन्होंने कृत्रिम पैर की मांग की वहीं कुछ कैदी ऐसे मिले जिन्हें कुछ सुनाई नहीं देता तो कुछ को मोतियाबिंद की प्रॉब्लम है। जिला जेल में 397 कैदी की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 900 कैदी बंद है, जिसमें 808 पुरुष, 35 महिलाएं 57 अल्प वयस्क हैं। कारागार में निरुद्ध महिला बंदी के साथ कुल 2 बच्चे निरुद्ध हैं। जेल अधीक्षक राजेंद्र कुमार ने बताया कि जेल के अंदर आने वाले लोगों को गहन चेकिंग करके व कोविड-19 ध्यान देते हुए सभी को सैनिटाइज करके ही अंदर प्रवेश करने दिया जाता है। जेल में सीसीटीवी कैमरे है जिसमें पूरे जेल में 30 कैमरे लगे हुए हैं, कुछ कैमरे में तकनीकी खराबी है बाकी सब ठीक है। जेल में 4 डिप्टी जेलर होने चाहिए, जबकि यहां तैनाती केवल 3 की है। वही 68 सिपाही तैनात होना चाहिए, जिसके सापेक्ष केवल 42 की नियुक्ति है। डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह ने जेल का निरीक्षण कराया और बताया की डॉक्टर एस.सी. राय फार्मासिस्ट रविंद्र सचान व अनिल वर्मा अस्पताल की व्यवस्था देखते हैं। जिला जेल के किचन में लगे ऑटोमेटिक रोटी बनाने की मशीन खराब है। कैदियों को सुबह का नाश्ता दलिया चाय, दोपहर का भोजन रोटी चावल और राजमा की दाल व सब्जी, शाम का भोजन रोटी चावल अरहर की दाल दी गई। दीवाल व चारदीवारी की स्थिति जर्जर है, जिसके लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है। वही अस्थाई जेल में कुल कैदी 38 है। जहां डिप्टी जेलर कमल चंद तैनात हैं। वहां सभी कैमरे सही पाए गए।
निरीक्षण करने वाली टीम में उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति के जोन सचिव मयंक कुमार सिंह, जेल पर्यवेक्षक अभिषेक सिंह, सुनील कुमार गुप्ता सहायक सचिव, शेरशाह सचिव भ्रष्टाचार उन्मूलन, विशाल चौरसिया संगठन सचिव मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति जेल मैनुअल के अंतर्गत काम करती है, जिसके मुख्य संरक्षक राज्यपाल होते हैं। यह समय समय पर जेल, बाल सुधार गृह, वृद्धाश्रम आदि का निरीक्षण करके शासन को रिपोर्ट भेजती है।