– कोरोना जांच के लिए भी सतर्क है स्वास्थ्य केंद्र की टीम
प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। जनपद में खुजली और फंगस इन्फेक्शन के मरीजों की बढ़ रही संख्या पर जिला स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। चरम रोग के कुछ ऐसे मामले भी सामने आएं हैं जो ठीक होने में डेढ़ महीना तक लग रहा है जबकि खुजली और फंगस इन्फेक्शन समान्यतः एक से दो हफ्ते में ठीक हो जाता है। अकेले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कासिमाबाद पर ही आजकल एक दिन में 30 से 40 मरीज आ रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि विभाग पूरी तरह सतर्क है। लोग संक्रमण होते ही अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में दिखाएँ और दवा का कोर्स पूरा करें। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कासिमाबाद पर तैनात डॉ. अमित कुमार प्रियदर्शी ने बताया कि मौजूदा समय में खुजली और फंगस के मरीजों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी हो गई है, जिसकी वजह से इन दिनों इन रोगों के ज्यादा मरीज आ रहे हैं, जिनका इलाज और दवा स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क दी जा रही है। उन्होंने बताया कि खुजली छोटे कीटाणु माइटस इन्फेक्शन से होता है जो एक दूसरे के संपर्क में आने, हाथ मिलाने, एक-दूसरे के कपड़े पहने, दूसरे का बिस्तर और तौलिया का प्रयोग करने से हो रहा है। इस कारण शरीर में पहले छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं और खुजलाने पर फुंसी का रूप ले लेती है। यह दाने अधिकतर उंगलियों के बीच में होते हैं और इसका असर रात के वक्त ज्यादा होता है। वहीं फंगस शरीर के नमी वाले हिस्सों में होता है। उन्होंने बताया कि यदि इस तरह के लक्षण किसी भी व्यक्ति को दिखाई दें तो तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर डॉक्टर से उचित सलाह लेकर दवा लें या जिला अस्पताल पहुंच चर्म रोग विभाग में इसकी जानकारी व परामर्श लें। डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि यदि इन दोनों रोगों के लक्षण लोगों को दिखे तो उन्हें एलर्जी की दवा लेनी चाहिए। साथ ही कपड़ों को गर्म पानी में धुलें, बेडशीट व चादर दूसरों का इस्तेमाल न करें, कपड़ों को तेज धूप में अच्छे से सुखाएं, टाइट कपड़े न पहनें, कपड़ा पहनते समय गर्मी में प्रयोग होने वाले टेलकम पाउडर लगाकर कपड़े पहने, गीले कपड़े का प्रयोग न करें, कॉटन या सूती कपड़े का प्रयोग करे, सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें।