ग़ाज़ीपुर- विधुतकर्मियो का दूसरे दिन भी जारी रहा कार्य बहिष्कार आंदोलन, सप्लाई बंद होने से आम जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आवाहन पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के किए जा रहे हैं निजीकरण के विरोध में प्रस्तावित कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जनपद गाजीपुर में समस्त अभियंता अवर अभियंता समस्त कर्मचारीगण एवं संविदा, निविदा कर्मियों, मीटर रीडरों ने आज दिन मंगलवार को पूर्ण कार्य बहिष्कार करते हुए प्रातः 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक लाल दरवाजा पावर हाउस के प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया।
आज दूसरे दिन की कार्य बहिष्कार आंदोलन में अध्यक्षता अधिशासी अभियंता इंजीनियर मनीष कुमार ने किया। आज की सभा को संबोधित करते हुए जिला संयोजक निर्भय सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में ऊर्जा विभाग के समस्त कर्मचारी 1 सितंबर से लगातार ध्यानकर्षण आंदोलन करके पूर्वांचल के निजीकरण का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, परंतु सिर्फ ऊर्जा प्रबंधन एवं उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री ऊर्जा विभाग के कर्मीको के आवाज को नजरअंदाज करते हुए कार्मिकों को लगातार अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं जेल भरो आंदोलन के लिए विवश कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि अगर हमारे संविदाकर्मियों को प्रशासन द्वारा सब स्टेशन पर लाइट लगाने को मजबूर एव जोर जबरजस्ती की गई तो सीधे जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। जूनियर इंजीनियर संगठन के पूर्वांचल अध्यक्ष एवं सह संयोजक इंजीनियर शत्रुघन यादव ने बताया कि ऊर्जा विभाग का निजीकरण किसी भी रूप में आम जनमानस व्यापारियों, किसानों, छात्रों, युवाओ, विद्युत उपभोक्ताओं, कार्मिकों के हित में नहीं है। वर्तमान में नोएडा एवं आगरा की विद्युत सप्लाई निजी हाथों में है और वहां पर सरकार को अत्यधिक घाटा हो रहा है, परंतु इसके पश्चात भी ऊर्जा के शीर्ष प्रबंधन पुनः पूर्वांचल के निजीकरण का प्रस्ताव लाकर कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी, जनविरोधी का कार्य कर रहे हैं। इस दौरान अधिशासी अभियंता इंजीनियर आदित्य पांडे ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के नाम पर सन 2000 में राज्य विद्युत परिषद का विघटन करते हुए निगमीकरण कर दिया गया। उस समय पावर कारपोरेशन का कुल घाटा मात्र 77 करोड़ था, परंतु निगमीकरण के पश्चात 90 हजार करोड़ पहुंच चुका है। सरकार की गलत नीतियों के कारण आज विभाग इतना घाटे में पहुंच चुका है। पुनः अब निगमीकरण से निजीकरण करने का फैसला कर पूजी पतियों को बढ़ावा देते हुए सरकार देश को पुनः गुलामी की तरफ ले जा रही है। आज दूसरे दिन चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अतुल मिश्रा के निर्देशानुसार जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव एवं उनके साथ अन्य साथी राज्य कर्मचारी संघ परिषद हरि किशोर तिवारी के निर्देशानुसार जिलाध्यक्ष अंबिका दुबे, उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर संघ के जनपद अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप यादव, यूपीआरएसआरए के प्रांतीय नेता आर.एम. राय, पीजी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष अनुज कुमार भारती व महामंत्री प्रवीण विश्वकर्मा, यूपी मिनिस्ट्रियल ऑफिसर एसोसिएशन के जिला सचिव अमित श्रीवास्तव आदि तमाम संगठनों ने आज मंच साझा करके नैतिक समर्थन दिया।
कार्य बहिष्कार में मुख्य रूप से ई. आदित्य पांडे, ई. आशीष चौहान, ई. महेंद्र मिश्रा, ई. शत्रुघन यादव, ई. शिवम राय, ई. संतोष मौर्या, ई. रवि चौरसिया, ई. मिठाई लाल, ई. संजीव कुमार भास्कर, ई. संतोष चौधरी, विजय शंकर राय, सुदर्शन सिंह, प्रवीण सिंह, अजय विश्वकर्मा, अश्विनी सिंह, भानु सिंह, कपिल गुप्ता, गुप्तेश्वर राम, रविंदर यादव, विनय तिवारी, मदन यादव आदि सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित रहे।