प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट सब कमेटी के बीच हुए समझौते के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का महत्व प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने वापस ले लिया है। इस विजय खुशी में लालदरवाजा पावर हाउस में संघर्ष समिति के कर्मचारियों ने एक दूसरे को माल्यार्पण कर मिठाई खिलाई। इसके अतिरिक्त पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के विषय में किसी अन्य व्यवस्था का प्रस्ताव भी विचाराधीन नहीं है। समझौते में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगम की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार हेतु कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जाएगी। कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।
यह जानकारी विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति गाजीपुर के संयोजक निर्भय नारायण सिंह ने दी। इस दौरान सह संयोजक ई. संतोष मौर्य ने बताया कि समझौते में स्पष्ट लिखा गया है कि वर्तमान आंदोलन के कारण किसी भी संविदा कर्मी, विद्युत कर्मचारी, अवर अभियंता एवं अभियंता के विरुद्ध किसी प्रकार की उत्पीड़न कार्यवाही नहीं की जाएगी। आंदोलन के दौरान जिन भी स्थानों पर विद्युत कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियंताओं अथवा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों के विरुद्ध विभिन्न थानों में दर्ज हुए मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाएगा। इसी के साथ कार्य बहिष्कार आन्दोलन वापस ले लिया गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक इंजीनियर शिवम राय ने बताया की कई संविदा कर्मियों पर विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज है। यदि 1 सप्ताह के अंदर अंदर कैबिनेट की मीटिंग अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार की उपस्थिति में तय होने के बावजूद यदि संविदा कर्मचारियों एवं विद्युत कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तो बाध्य होकर संघर्ष समिति को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।