ग़ाज़ीपुर- विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सीएमओ कार्यालय पर हुई गोष्टी

-आबादी के 7% लोग आज भी मानसिक रोग से पीड़ित

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस मनाया जाता है। यह दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि जन मानस के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ सके और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य स्थापित हो सके। इसी के तहत शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सेवानिवृत्त महाप्रबंधक ओएनजीसी डॉ. ए.के. पांडे की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका थीम दयालुता रखी गई थी। इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर मानसिक रूप से कमजोर चार बच्चों दुर्गेश, राजू, आकांक्षा और सोनू को मानसिक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी दिया गया। इस दौरान दिव्यांगों के लिए ‘समर्पण’ संस्था की संचालक सविता सिंह भी मौजूद रहीं।
इस अवसर पर डॉ. ए.के. पांडे ने बताया कि मानसिक बीमारी होने के कई कारण होते हैं इसलिए इसमें कैसे सुधार लाया जाए, इसके बारे में सोचना चाहिए। आज की थीम दयालुता के आधार पर हम सामने वाले को कुछ समय के लिए मानवता दिखलाकर उसका मानसिक रोग कम कर सकते हैं। भूतपूर्व सीएमएस जिला अस्पताल डॉक्टर ए.के. मिश्रा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति मानसिक रोग से ग्रसित हो सकता है, जिन्हें जागरूक और परामर्श देकर स्वस्थ किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में मानसिक समस्या ज्यादा देखि गईं हैं, लेकिन अब जागरूकता की वजह से उनमें कमी आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य जागरूकता लाना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान आबादी के कम से कम 7% लोग इस रोग से पीड़ित है, जिनकी संख्या करीब 9.46 करोड़ है जो 2020 तक 15% तक हो सकती है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में बॉलीवुड सितारे से लेकर कमजोर वर्ग के लोग इसी मानसिक रोग के चलते आत्महत्या तक कर लेते हैं, जिन्हें जागरूकता के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है। एसीएमओ डॉ. के.के. वर्मा ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए मंत्रों को पढ़कर संबोधन शुरू किया और उन्होंने बताया कि इस तरह के मंत्र हमें इस तरह के मानसिक रोग से बहुत ही सुकून देता है। साथ ही नियमित योगा, शारीरिक व्यायाम, सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना आदि से चिंता और अवसाद को कम किया जा सकता है।
गोष्ठी में सीएमओ जीसी मौर्य, एसीएमओ डॉ. उमेश, एसीएमओ डॉ. प्रगति कुमार, एसीएमओ डॉ. डीपी सिंह, संजीव सिंह, लेखाधिकारी अमित राय, रवि चौरसिया, डॉ. नारायण पांडे, आशा कार्यकर्ता, स्टाफ नर्स, एएनएम और काउंसलर मौजूद रहीं।