मुंबई में चैनलों की टीआरपी बढ़ाने वाला मिर्जापुर के कछवां से गिरफ्तार

 

हंसा कंपनी टीआरपी रेटिंग मशीन लगाने का काम करती है

प्रखर डेस्क। मुंबई में टीवी चैनलों की टीआरपी बढ़ाने वह घटाने मामले में फरार चल रहे आरोपित को मुंबई क्राइम ब्रांच टीम व कछवां थाने की पुलिस ने सोमवार की देर रात तुलापुर स्थित आरोपित के घर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित मुंबई की हंसा कंपनी में आपरेटर था। कंपनी के कहने पर वह बीआरसी मशीन लोगों के घरों में लगाता था। मंगलवार को एएसपी सिटी संजय वर्मा में कचहरी स्थित कार्यालय पर प्रेसवार्ता कर मामले का खुलासा किया। बतादे कि टीआरपी घोटाले के आरोपित को गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक कछवां सुभाषचन्द्र राय, उपनिरीक्षक रमाकान्त यादव, मो. अशद अली, अवनीश सिंह, मुंबई क्राइम ब्रांच टीम के उपनिरीक्षक सुभाष मठे, जितेन्द्र क्षेड़गे, विनोद मादले रहे। एएसपी सिटी ने बताया कि आरोपित कछवां के तुलापुर गांव निवासी विनय त्रिपाठी है, जो मुंबई के हंसा कंपनी में ऑपरेटर के पद पर तैनात था। मुंबई में चैनलों की टीआरपी घोटाले की मुंबई की सीबीसीआई टीम पड़ताल कर रही थी। टीआरपी घोटाले के मामले में मुंबई के कांदिवली थाने में आरोपित विनय पर छह अक्तूबर को धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज था। तब से आरोपित फरार चल रहा था। मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम फरार आरोपित की तलाश में जुटी थी। क्राइम ब्रांच की टीम सोमवार की शाम कछवां पहुंचकर जिले के एसपी से संपर्क किया। एसपी के निर्देश पर सीओ सदर व कछवां पुलिस के साथ मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम कछवां के तुलापुर गांव स्थित घर से आरोपित विनय को धर दबोचा। मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम गिरफ्तार आरोपित विनय को मुंबई लेकर चली गई। एएसपी सिटी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते वह परिवार संघ मुंबई से अपने घर चला आया था। आरोपित मुंबई में लोगों के घरों पर सेटअप बॉक्स में बीआरसी मशीन लगाकर निश्चित चैनल देखने के लिए कहता था जिससे उस चैनल की टीआरपी बढ़ती थी। वहीं, कुछ चैनलों के देखने के लिए वह मना करता था जिससे उसकी टीआरपी घटती थी। मशीन की कीमत 25 से 27 हजार रुपये है। जो सेटेलाइट से अटैच है। मशीन लगाने के एवज में वह लोगों के कुछ काम बगैर पैसे के करवा देता था। जिससे लोग उसके कहने अनुसार चैनल देखते थे जिससे चैनल की टीआरपी बढ़ती थी। पुलिस की पूछताछ में आरोपित विनय ने बताया कि वह हंसा कंपनी में आपरेटर के पद पर कार्य करता था। जो टीआरपी रेटिंग मशीन बीआरसी को घरों में लगाने का काम करती है। टीआरपी रेटिंग बढ़ाने के लिए घर वालों को पैसा देकर ऑपरेटर की मर्जी से घरवालों को निश्चित चैनल देखने के लिए कहा जाता है। जिससे उस चैनल की टीआरपी बढ़ जाती है। आरोपित ने बताया कि वह दो साल पहले ही काम छोड़ चुका है। वर्तमान समय में वह अपने घर पर ही परिवार संग रह रहा है।