क्राइम पेट्रोल देखकर चाचा ने दो भतीजों को कुल्हाड़ी से काटा, एक की मौत एक गंभीर

 

मुख्य आरोपी चाचा फरार लेकिन पत्नी को पुलिस ने पकड़ा

 

प्रखर चौबेपुर वाराणसी। क्षेत्र के मुरीदपुर गांव में शनिवार अल- सुबह चाचा ने अपने दो किशोर भतीजों पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर दिया। घटना में एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती है। दोनों के पिता की तहरीर आरोपित चाचा विनय सिंह और चाची श्वेता सिंह पर हत्या और हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपित चाची को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चाचा फरार बताया जा रहा है। घटना के पीछे एक किशोर के चाची के साथ अनैतिक संबंध की बात सामने आ रही है। गांव निवासी जयप्रकाश दोनों भाइयों अजय और विनय के साथ मुंबई में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते थे। लॉकडाउन के बाद जयप्रकाश आजमगढ़ में काम करने लगे। विनय वहां उनकी मदद करता है। दूसरे नंबर का भाई अजय परिवार समेत मुंबई में ही है। गांव में जयप्रकाश की पत्नी रेखा 16 वर्षीय सूरज और 13 वर्षीय बादल, पिता राजकिशोर, मां प्रभावती और सबसे छोटे भाई विनय की पत्नी एक साल के बेटे के साथ रहती थी। 20 दिन पहले रेखा रिश्तेदारी में चली गई। भोर में तीन बजे आरोपित विनय सिंह का पत्नी झगड़ा हुआ। इसके बाद चार बजे वह कुल्हाड़ी लेकर आया सोते समय सूरज के चेहरे और गले पर ताबड़तोड़ वार करने लगा। उसकी चीख सुनकर बादल जग गया और बचाने आया तो उस पर भी चार-पांच बार वार कर दिया। सूरज के चेहरे और गले पर गंभीर चोट आई, जबकि बादल के दोनों हाथ, शरीर पर कई जगह चोट लगी। दोनों चिल्लाते हुए कमरे से बाहर आये। एक भूसे वाले कमरे में जाकर गिर गया, जबकि बादल बाहर बरामदे में दादा के पास आ गया। उधर चाची ने बाथरूम में छिपकर जान बचाई। दोनों पोतों की हालत देख दादा-दादी चीखने लगे। विनय के भागने के बाद श्वेता बाहर आई। फिर आसपास के लोग जुटे और ऑटो से निजी अस्पताल ले गए। दोनों को बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। बीच रास्ते सूरज ने दम तोड़ दिया। इस बाबत एसपी ग्रामीण एमपी सिंह ने बताया कि आरोपित की तलाश की जा रही है।घायल बादल के कारण हो गई पहचानसूरज और पत्नी के बीच अनैतिक संबंध से विनय परेशान था। इस कारण वह अक्सर पत्नी से लड़ाई करता था। शुक्रवार की रात और घटना के पहले भी विवाद किया था। इस दौरान सूरज पर हमले के दौरान जग गये बादल को भी वह मारना चाह रहा था। हालांकि वह बच गया। अगर वह नहीं बचा होता तो पुलिस को विनय के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिल पाते। आरोपित चाची से बार-बार पूछताछ में वह बरगलाती रही। जब घायल से पूछताछ के बाद सारी बातें सामने आईं, फिर पुलिस के सामने वह भी टूट गई। पूरी कहानी बता दी। तीन महीने से देख रहा था ‘क्राइम पेट्रोल’ पूछताछ में सामने आया कि आरोपित पहले से हत्या की योजना बना रहा था और बच निकलने की तरकीब भी सोचता था। इसके लिए वह पिछले दो-तीन महीने से ‘क्राइम पेट्रोल’ लगातार देखता था। पुलिस की पूछताछ में उसकी पत्नी ने बताया कि उसने 10 दिन पहले कुल्हाड़ी खरीदी थी। हत्या के बाद विनय ने अपना मोबाइल भी घर पर छोड़ दिया, ताकि लोकेशन से उसे ट्रैश ना किया जा सके। पत्नी की जान भी लेना चाहता था आरोपितपुलिस सूत्रों के मुताबिक अनैतिक संबंध से आजिज विनय अपनी पत्नी की जान भी लेना चाहता था। वह पत्नी और सूरज को खत्म करने के लिए आया था। हालांकि घटना के दौरान पत्नी शौचालय में जाकर छिप गई और छोटा बेटा बादल जग गया। घायल होने के बाद सूरज और बादल चीखने-चिल्लाने लगे, इस पर वह छत से कूदकर पीछे से भाग निकला। पिता ने 10 दिन पहले के विवाद को बताया वजहपिता ने 10 दिन पहले के विवाद को वजह बताया है। पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है कि 10 दिन पहले निर्माण सामग्री का ढुलाई की जा रही थी। इस दौरान विनय दोनों बेटों के सिर पर अधिक वजन लाद रहा था। इसे लेकर विनय को डांटा तो विवाद कर लिया। इसी से खुन्नस खाये विनय ने उनके दोनों बेटों पर हमला किया। रास्ते में गिरा रहा खूनपुलिस के मुताबिक हत्या के बाद विनय छत से कूदकर बांसवार से होते हुए गांव की गलियों से भाग निकला। डाग स्क्वायड की टीम उस रास्ते पर पहुंचती गई। जहां पर खोजी कुतिया रुकी, उस घर से पिता-पुत्र को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। जिस रास्ते से वह भागा था, खून के छींटे जगह-जगह गिरे पड़े थे।घर पर सियापा, कोई बिलखने वाला तक नहींघटना के बाद सुबह करीब पांच बजे दादा राजकिशोर दोनों पोतों को लेकर अस्पताल में भटकते रहे, घर पर दादी प्रभावती की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। घटना के बाद वह घर से कहीं और चली गईं। सूरज की मां रेखा दिल्ली में थी, जबकि पिता आजमगढ़ थे। घर पर सियापा पसरा था। कोई बिलखने वाला नहीं था। पिता को बताया गया कि बेटों की तबीयत खराब है, इस पर वह भागा-भागा दोपहर बाद पहुंचा तो घटना से अवाक रह गया। बिलखने लगा। उधर दादा बीएचयू ट्रामा सेंटर में पोते को लेकर थे।घर के बाहर लगा मजमा , जयप्रकाश के चचेरे भाई शैलेंद्र ग्राम प्रधान हैं। इससे गांव में इनकी अच्छी प्रतिष्ठा है। घटना के बाद जो भी सुना, दरवाजे पर पहुंचता रहा। आसपास के गांव के लोग भी वहां पहुंचते रहे।