किसान आंदोलन! दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के साथ कई प्रदेशों तक फैलता जा रहा आंदोलन

प्रखर दिल्ली। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के साथ कई प्रदेशांे तक किसानों का आंदोलन फैलता जा रहा है। चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में हल्ला बोला। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खट्टर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, बवाल बढ़ा तो पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछार की। वहीं हरियाणा की खाप पंचायतों ने भी दिल्‍ली चलने का ऐलान कर दिया है। किसानों ने अभी सरकार की किसी शर्त को मानने से इनकार किया है और कल होने वाली बैठक पर निगाहें हैं। कल सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच फिर से बैठक होगी। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर थोड़ी देर में फिर किसानों की बैठक होने वाली है, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन होगा। उधर, हरियाणा के जींद में खाप पंचायतों ने दिल्ली कूच शुरू कर दिया है। पंचायतों का कहना है कि अगर 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनती है तो फिर वो दिल्ली जाने वाले फल, दूध, सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे। यहां किसान नेता घर-घर जाकर लोगों से दिल्ली चलने की अपील कर रहे हैं। किसान आंदोलन के चलते मंडियों में आम सब्जियों की आपूर्ति कम हो रही है। अब खाप पंचायत की धमकी ने सरकार की परेशानी और बढ़ा दी है। आंदोलनकारी किसानों को खालिस्तानी कहने के विरोध में पंजाब युवा कांग्रेस ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी मनोहर लाल खट्टर के घर की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। अपनी मांगों को लेकर किसान उग्र हो गए हैं। किसानों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया। किसानों के प्रदर्शन के चलते पुलिस को दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला क्छक् का रास्ता बंद करना पड़ा। पुलिस ने मयूर विहार हाईवे पर भी सख्ती की। बॉर्डर बंद होने की वजह से दिल्ली-नोएडा के बीच लंबा जाम लग गया। गाजियाबाद-दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड हटाने की कोशिशें की। फरीदाबाद बॉर्डर पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है। फरीदाबाद बॉर्डर पर भी भारी पुलिसबल तैनात है। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए आज गृहमंत्री अमित शाह के घर फिर मंथन हुआ। अमित शाह की मीटिंग में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए। कल किसानों के साथ नरेन्द्र तोमर और पीयूष गोयल ने ही बातचीत की थी, लेकिन यह बेनतीजा रही। 3 दिसंबर यानी कल किसानों से फाइनल राउंड की बातचीत होगी। फाइनल बातचीत से पहले किसानों को लिखित में समस्याएं बतानी हैं।