प्रखर नई दिल्ली/एजेंसी। रूस में जहां आम लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो गया है, वहीं ब्रिटेन में मंगलवार से लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगा। इन सबके बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में भी अच्छी खबर आई है। ब्रिटिश दवा निर्माता कंपनी फाइजर की भारतीय इकाई ने उसके द्वारा विकसित की गई कोरोना वायरस की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) में आवेदन किया है। हालांकि फाइजर ने इसके लिए भारत सरकार के सामने एक शर्त भी रखी है। फाइजर का कहना है कि अगर वैक्सीन के कारण किसी को गंभीर साइड इफेक्ट होते हैं तो पीड़ितों को मुआवजा देने का भार उस पर न हो। उसकी मांग है कि भारत सरकार ही पीड़ितों को मुआवजा दे और ऐसी स्थिति में फाइजर की कोई भी जिम्मेदारी न हो। बताया जा रहा है कि फाइजर की इस शर्त से भारत सरकार नाखुश है। आपको बता दें कि ब्रिटेन ने बुधवार को फाइजर के कोविड-19 टीके को आपातकालीन उपयोग के लिए अस्थायी मंजूरी प्रदान की थी। ब्रिटेन के बाद बहरीन शुक्रवार को दुनिया का दूसरा देश बन गया है जिसने दवा निर्माता कंपनी फाइजर और उसके जर्मन सहयोगी बायोएनटेक द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी दी है। दवा कंपनी पहले ही अमेरिका में ऐसी ही मंजूरी के लिए आवेदन कर चुकी है। रूस की राजधानी मॉस्को में शनिवार को कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। जानकारी के अनुसार, यह टीका सबसे पहले उन लोगों को दिया जा रहा है, जिनके संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा है। रूस अपने ही देश में विकसित श्स्पूतनिक वीश् नामक टीके का उपयोग कर रहा है। रूस में शनिवार को शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण टीकाकरण के लिये उच्च जोखिम वाले समूहों में शामिल हजारों की संख्या में चिकित्सकों, शिक्षकों एवं अन्य लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने तीन दिन पहले बड़े पैमाने पर कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने का आदेश दिया था। इसके बाद टीकाकरण की शुरूआत हुई है।