प्रखर नई दिल्ली/एजेंसी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है। अब सरकार किसान संगठनों में फूट डालने का प्रयास कर रही है। नरेश टिकैत बड़ौत में 84 देशखाप चैधरी सुरेंद्र सिंह के आवास पर पत्रकारों से रूबरू हुए। नरेश टिकैत ने कहा कि 22 दिन किसान आंदोलन को चलते हो गए है और यदि सरकार चाहती तो अभी तक हल निकल चुका होता। सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। धरने पर बैठे किसानों के संगठन अलग-अलग हो सकते है, लेकिन मंजिल सभी की एक ही है। सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने को तैयार हो, दो कदम सरकार पीछे हटे और दो कदम किसान तभी इस आंदोलन का हल निकलेगा। नरेश टिकैत ने कहा कि किसान धरने पर पूरी ईमानदारी के साथ डटा हुआ है, कई किसान इस दौरान शहीद भी हो चुके है। एक किसान ने तो गोली मारकर आत्महत्या तक कर ली, क्योंकि किसान जानते है कि ये काले कानून उन्हें बर्बाद कर देंगे। सरकार टकराव चाहती है, लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से इस आंदोलन में मौजूद है। उन्होंने कहा कि खाप चैधरियों की मीटिंग हुई है, जिसमें सिंघु बॉर्डर पहुंचने का निर्णय लिया जा चुका है। अब इस पूरे प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट भी आ चुकी है और ऐसा भी नहीं है कि किसान हठधर्मी है। हठधर्मी तो सरकार है, तभी तो 6 दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। किसान पीछे हटने को भी तैयार है। हमें अब उम्मीद है कि बीच का रास्ता अवश्य निकलेगा और समाधान भी होगा।