प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के बगेन्द में आयोजित सरस संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान अयोध्या वासी श्री माधव कुंज के महन्त, मानस मर्मज्ञ, भागवत्वेत्ता श्री शिवरामदास जी फलाहारी बाबा ने अपने मुखारविंद से ज्ञान एवं वैराग्य की कथामृत रूपी गंगा को प्रवाहित करते हुवे बच्चों को संस्कारों से जोड़ने की सलाह श्रद्धालुओं को दी।
श्रीमद्भागवत कथा के दौरान महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 श्री शिवरामदास जी फलाहारी बाबा ने श्रद्धालुओं को भगवान के वामन अवतार का वृतांत पूरे विस्तार से बताया। कथा के दौरान महाराज ने कहा कि आज का समाज प्रदूषित हो गया है। विचारों और अच्छे संस्कारों की कमी हो गई है, जिसका प्रभाव हमारे बच्चों पर पड़ रहा है। आज माता-पिता के पास अपने बच्चों के लिए समय नहीं है। वे उन्हें खुश करने के लिए अनेक प्रकार के सुख-साधन के साथ उनपर पैसे खर्च कर रहे हैं। ऐसे में उनमें अच्छे संस्कारों की कमी हो गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पैसे की जरूरत नहीं, बल्कि अच्छे संस्कारों की जरूरत है। अच्छे संस्कार मिलने के बाद वो ही बच्चा अपने माता-पिता की सेवा करने के साथ समाज और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा करेगा। कथा के दौरान महाराज ने भगवान के वामन अवतार पर कहा कि प्रभु अपने भक्तों की रक्षा करना भी जानते हैं और दुष्टों का संहार करना भी। वे ही पालनकर्ता भी हैं और संहारकर्ता भी।
भागवत की महिमा पर फलाहारी जी ने कहा कि भगवान की भागवत कथा लोगों को सही रास्ता दिखाने के साथ सन्मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है। भागवत में कहा गया है कि सत्य ही है जिसका ध्यान करना चाहिए। क्योंकि भगवान ही सत्य स्वरूप है। जो जीव सत्य का अनुसरण करता है, सत्य पर चलता है, उस पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि जीव जगत में दुख इसलिए पाता है कि वो कहता कुछ और है करता कुछ और है। लोग भगवान के नाम पर भी झूठ बोलने में संकोच नहीं करते। वे अपने अपराध से बचने के लिए नाना प्रकार के झूठ बोलते हैं। कथा के दौरान आपने कहा कि आज का युग धन का युग हो गया है। जिसके पास धन है उसकी पूजा सभी करते हैं। धन से सारे दोष भी मिट जाता है। समाज में उसकी एक अलग पहचान बन जाती है। आप जब तक गरीब रहते हैं आपको कोई देखता नहीं है लेकिन वही पैसे आने पर उनका मान-सम्मान और बढ़ जाता है। पैसे के आने के बाद लोगों में संस्कार की भी कमी हो जाती है। लोग पैसे से सभी खुशियां पा लेना चाहते हैं। जबकि ऐसा नहीं है पैसों से हम अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। कथा के दौरान फलाहारी जी ने कहा कि जिसने भागवत कथा का एक बार रस चख लिया उसके लिए पैसे तुच्छ लगते हैं। भगवान के नाम और उनके चरित्र का गुणगान करने वाला सच्चा योगी कभी भी भौतिक वस्तुओं के प्रति आसक्त नहीं होता। जगत में कई ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं जो इन चीजों से दूर होकर परमपद की प्राप्ति की है। कथा के फलाहारी बाबा ने कहा कि भगवान धन-दौलत से प्रसन्न नहीं होते बल्कि वे सच्ची भक्ति से प्रसन्न होते हैं। सच्ची भक्ति करने वाले भक्तों को किसी प्रकार का कोई दिखावा करने की जरूरत नहीं होती। सच्चा भक्त हर स्थिति परिस्थिति में प्रसन्न रहता है। इस दौरान वाराणसी से पधारे सुप्रसिद्ध गायक रिंकू रसिया के भजन गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो.. प्रेम से बोलो राधे-राधे और जोर से बोलो राधे-राधे.. ऐसे ही भजन और सुभाषितों से कथा पंडाल परिसर आजकल गूंज रहा है। प्रमोद कुमार एवं गोल्डी तिवारी के द्वारा कथा को काफी संगीतमय बना दिया जा रहा है। व्यास पूजन का कार्य आचार्य मदन मोहन द्विवेदी एवं मोहित कुमार मिश्रा के द्वारा कराया गया।
आज के कथा में डाक्टर श्रीकांत राय, प्रधान मनीष राय, आशिष राय, रामचन्द्र सिंह, डा. बलीन्द्र, राम इकबाल यादव, अनूप तिवारी, राजेश राम समेत ढेर सारे लोग उपस्थित रहे।