ग़ाज़ीपुर- झोपड़ी में आग लगने से 3 मासूमों की दर्दनाक मौत, मां गंभीर रूप से घायल

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प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। जमानिया कोतवाली क्षेत्र के लहुआर गांव के पास ईंट भट्ठा पर स्थित झोपड़ी में बुधवार की देर रात अज्ञात कारणों से आग लग गई। इस घटना में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि मां गंभीर रूप से झुलस गई, जिसका उपचार वाराणसी में चल रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जमानिया क्षेत्र के लहुआर गांव में स्थित ईंट भट्ठा पर चंदौली जनपद के दिग्गी गांव निवासी बबलू बनवासी काम करता है। तीन माह से भट्ठा पर ही झोपड़ी में परिवार के साथ रहता है। रोज की तरह बुधवार की रात बबलू का परिवार खाना खाने के बाद झोपड़ी में सो गया। इसी दौरान रात करीब दो बजे अज्ञात कारणों से झोपड़ी में आग लग गई। आग लगते ही बबलू की नींद टूट गई। वह चिल्लाते हुए जब तक पत्नी और बच्चों को बचाने की कोशिश करता है, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग बुझाने में अपने को असहाय पाते हुए बबलू आग-आग का शोर मचाने लगा। आवाज सुनकर भट्ठा पर मौजूद अन्य मजदूर दौड़कर मौके पर पहुंचे और काफी मशक्त के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कुमारी पूजा (13) और चंद्रिका (7) की मौत हो चुकी थी। जबकि डमरू (4) और उसकी मां भागमति देवी (35) गंभीर रूप से झुलस गई, वहीं बबलू बनवासी हल्के रूप से झुलस गया। आनन-फानन में लोग डमरू और उसकी मां और पिता को अस्पताल लाए। चिकित्सकों ने डमरू और उसकी मां को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया, जहां उपचार के दौरान डमरू ने दम तोड़ दिया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को घटना की सूचना गुरूवार की सुबह करीब 10 बजे मिली। इस पर सीओ हितेन्द्र कृष्ण‚ तहसीलदार आलोक कुमार‚ नायब तहसीलदार राकेश कन्नौजिया सहित हल्का लेखपाल मौके पर पहुंच गए और घटना की जानकारी ली। तहसीलदार आलोक कुमार ने बताया कि घटना से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। पीएम रिर्पोट के बाद पीड़ित को सरकार की ओर से हर संभव मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा। कोतवाल राजीव कुमार सिंह ने बताया कि चंदौली जनपद के दिग्गी गांव निवासी बबलू बनवासी अपने परिवार के साथ लहुआर गांव के ईंट भट्ठे पर करीब तीन माह पूर्व काम करने आया था। आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। आग लगने से तीन बच्चों की मौत हो गई है। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मां का इलाज वाराणसी में चल रहा है।