सिविल सर्विसेज का जम्मू-कश्मीर कैडर खत्म, केंद्र सरकार ने दिया आदेश

प्रखर डेस्क। केद्र सरकार ने सिविल सर्विसेज के जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म कर दिया है. सरकार ने गुरुवार को इससे संबंधित आदेश जारी किया. जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है. आदेश के मुताबिक, जम्मू- कश्मीर के आईएएस, आईपीएस और आईएफस अधिकारी अब एजीएमयूटी कैडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज कैडर) का हिस्सा होंगे. इससे पहले जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दूसरे राज्यों में नहीं होती थी. सरकार के नए आदेश के बाद अब जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों को दूसरे राज्य में भी नियुक्त किया जा सकेगा. बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। केंद्र सरकार का फोकस लगातार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास पर है. सरकार दोनों प्रदेशों को लेकर कई अहम निर्णय भी ले रही है. बीते दिनों ही लद्दाख को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक की थी. लद्दाख की संस्कृति क्षेत्रीय संरक्षण और पहचान बरकरार रहे इसको लेकर अमित शाह और लेह लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल के बीच मीटिंग हुई थी. गृहमंत्री ने इन मुद्दों पर काम करने के लिए एक कमेटी के गठन का ऐलान भी किया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मोदी सरकार लद्दाख के विकास और उसकी भूमि व संस्कृति के संरक्षण के प्रति संकल्पित है और सरकार ने लद्दाख के लोगों की दशकों से लंबित संघ शासित राज्य की मांग को पूर्ण कर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है. 5 अगस्त, 2019 को हटाई गई धारा 370 जम्मू और कश्मीर के लिए 5 अगस्त, 2019 का दिन ऐतिहासिक है. इसी दिन मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया। इस दौरान जम्मू और कश्मीर के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला जैसे नेता भी थे. इसके लिए सरकार को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था. उधर, सरकार 370 खत्म करने के फायदे को भी गिनाती है. सरकार का दावा है कि जम्मू और कश्मीर से 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में आतंकी हमलों में कमी आई है।