अजीत सिंह हत्याकांड को लेकर पूर्वांचल में सुराग तलाश को लगी पुलिस की पांच टीमें

 

प्रखर वाराणसी। मऊ के मोहम्मदाबाद में जिला पंचायत की राजनीति में खासा दखल रखने वाले अजीत सिंह की बीती छह जनवरी की रात हुई हत्या से न केवल राजधानी बल्कि पूर्वाचल तक सनसनी फैल गई है। इस हत्याकांड को पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के गैंग के सफाए के बाद नए आपराधिक वर्चस्व की लड़ाई से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें अजीत सिंह और आरोपी कुंटू सिंह आमने-सामने आ गए थे। बतादे कि लखनऊ की सबसे पाश कालोनी गोमतीनगर में बुधवार की रात गैंगस्टर अजीत सिंह की हत्या पूर्वांचल में आपराधिक साम्राज्य स्थापित करने होड़ में हुई है। इसी तथ्य को आधार बनाकर यूपी पुलिस की पांच टीमें कल से पूर्वांचल के तमाम जिलों में साजिश का सुराग तलाश रही है। घटना के बाद सबूतों का पीछा करते ये टीमें आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से आस-पास टिक गई है। लखनऊ के विभूति खंड में उस रात दोनों तरफ से करीब 30 राउंड फायरिंग हुई थी, जिसमें दर्जन भर से ज्यादा बुलेट अजीत सिंह के शरीर से आर पार निकल गई थी। अजीत सिंह की मौत के बाद यूपी पुलिस की पांच स्पेशल टीमों ने पूर्वांचल के कई जिलों मे डेरा डाल दिया है। दरअसल, अजीत सिंह किसी जमाने मे बाहुबली कुंटू सिंह का शूटर हुआ करता था, लेकिन साल 2013 मे एक मामले में कुंटू सिंह और अजीत सिंह की ठन गई। बाद में विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या में अजीत सिंह गवाह बन गया। इस हत्या का आरोप कुंटू सिंह पर है और यही हत्या की वजह मानी जा रही है। खबर है कि हत्या कुटू सिंह ने अपने दाहिने हाथ गिरधारी सिंह से करवाई है, क्योकि बीते कुछ समय से अजीत सिंह पूर्वांचल में अपना आधिपत्य फैला रहा था और कुंटू सिंह को ये बात नागवार गुजर रही थी। अजीत सिंह के साथी ने भी कुंटू सिंह और गिरधारी का ही नाम पुलिस के सामने लिया है। इधर, लखनऊ की सडकों पर हुई गैंगवार से सीएम योगी बेहद नाराज हैं। आपरेशन नेस्तनाबूद चलाकर सरकार जहां मुख्तार और अतीक जैसे बाहुबलियो का साम्राज्य ध्वस्त कर रही है तो वहीं पूर्वांचल में नई गैगवार की आहट से सरकार तिलमिला गई है। लिहाजा आजमगढ मे कुंटू सिंह के घर पर बुलडोजरों की लाईन लग गई। सरकार कुंटू सिंह और उसके गुर्गो की संपत्तियो को नष्ट करने में लग गई है। जाहिर है सरकार भी ये समझने लगी है कि मुख्तार अतीक और मुन्ना बजरंगी के साम्राज्य को गिराते-गिराते कुछ नए गिरोह पूर्वांचल में अपनी जड़े जमाने लगे हैं, जिन्हें वक्त रहते नष्ट करना जरूरी हो गया है।