मार्च में संघ में नंबर दो पद के लिए चुनाव

प्रखर एजेंसी। बेंगलुरु में 19 और 20 मार्च के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक के बाद संघ के संगठन में बड़ा परिवर्तन होने की संभावना है। इसमें संघ के नंबर दो यानी सरकार्यवाह (महासचिव) का चुनाव होना है। जानकारी के मुताबिक पिछले लगातार 12 साल से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी देख रहे भैय्याजी जोशी की जगह किसी नए चेहरे को मौका मिल सकता है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक भैय्याजी जोशी साल 2018 में ही यह जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जता चुके थे, लेकिन उनके सांगठनिक कुशलता के कारण और जरूरत को देखते हुए उन्हें एक और विस्तार दिया गया था। बताया जा रहा है कि भैय्याजी जोशी को संघ परिवार के सभी संगठनों के बीच समन्वय की नई जिम्मेदारी मिल सकती है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद कई प्रचारकों और शीर्ष पदाधिकारियों को प्रमोशन देकर बड़ी जिम्मेदारियां देने की तैयारी है। कुछ नए चेहरे सह-सरकार्यवाह बन सकते हैं। आपको बात दें कि संघ में हर तीन साल बाद सरकार्यवाह पद का चुनाव होता है। यह संगठन में कार्यकारी पद होता है, जबकि सरसंघचालक का पद मार्गदर्शक का होता है। संघ के नियमित कार्यों के संचालन की जिम्मेदारी सरकार्यवाह की होती है। आमबोल चाल की भाषा में जिसे महासचिव कहते हैं, उसे संघ की भाषा में सर कार्यवाह कहा जाता है। जबकि सह-सरकार्यवाह ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी होते हैं। सुरेश भैय्याजी जोशी वर्ष 2009 से लगातार सर कार्यवाह पद (महासचिव) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संघ सूत्रों का कहना है कि उनकी उम्र करीब 73 वर्ष हो चुकी है। वर्ष 2018 में अस्वस्थता के कारण वह खुद यह जिम्मेदारी छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं। गौरतलब है कि संघ में सरकार्यवाह पद का चुनाव हमेशा सर्वसम्मति से होता है। संघ में किसी सरकार्यवाह की जिम्मेदारी मिलेगी, यह देश के सभी प्रांतों के करीब 1400 प्रतिनिधि सर्वसम्मति से तय करते हैं। जानकारों का कहना है कि अगर भैय्याजी जोशी को फिर से विस्तार नहीं मिला तो फिर सरकार्यवाह पद की जिम्मेदारी वर्तमान में सह- सर कार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेकेट्ररी) दत्तात्रेय होसबोले को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। संघ कार्य की दृष्टि से वह अन्य सह – सरकार्यवाह से वरिष्ठ माने जाते हैं। दत्तात्रेय होसबोले अभी 65 वर्ष के हैं। ऐसे में वह आगे 71 वर्ष की उम्र होने तक सरकार्यवाह का दो कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। इन दो कार्यकाल में वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव और संघ का जन्मशताब्दी वर्ष संपन्न हो जाएगा। इस प्रकार उम्र भी उनके पक्ष में है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक संघ का दक्षिण पर केंद्रित है। दक्षिण भारत के कई राज्यों में आगामी समय चुनाव है। दक्षिण से ताल्लुक नजर रखने वाले होसबोले इसमें मददगार हो सकते हैं। एबीवीपी में लंबे समय तक रहने के दौरान दत्तात्रेय के पास सांगठनिक कौशल भी है। हालांकि, डॉ. कृष्ण गोपाल, मनमोहन वैद्य का भी नाम सरकार्यवाह पद के लिए चर्चा में है।