कुछ हटकर होगा 72वां गणतंत्र दिवस समारोह

प्रखर डेस्क। कोरोना संकट के बीच देशभर में 72वें गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरों पर है। इस साल का गणतंत्र दिवस कई मायनों में खास है। कोरोना संकट की वजह से इस साल लोगों के साथ-साथ प्रशासन के सामने सुरक्षित तरीके से गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजन की चुनौती है। कोरोना संकट की वजह से इस साल देशवासियों को गणतंभ दिवस समारोह कुछ अलग दिखेगा। इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा। 1966 के बाद यह पहला मौका होगा जब भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी दूसरे देश का प्रमुख मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद नहीं होंगे। आपको बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले थे, लेकिन ब्रिटेन में कोविड 19 का नया प्रकार सामने आने और उससे पैदा हुए हालात को देखते हुए उन्होंने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया। कोरोना महामारी की वजह से इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथियों और दर्शकों की संख्या कम होगी। हर साल रिपब्लिक डे परेड देखने के लिए तकरीबन 1.25 लाख लोग मौजूद रहते थे, लेकिन इस साल इनकी संख्या 25 हजार तय की गई है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाए जैसी एहतियात दी गई है। इस बार खड़े होकर परेड देखने का इंतजाम नहीं होगा। जितनी सीटें होंगी उतने ही लोगों को इजाजत दी जाएगी। इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में छोटे बच्चे नहीं दिखेंगे। इस साल परेड में छोटे बच्चों का दस्ता शामिल नहीं होगा। 15 साल से ज्यादा उम्र के स्कूली बच्चे ही परेड के दस्ते में शामिल होंगे। साथ ही इस बार परेड में दिव्यांग बच्चे भी शामिल नहीं होंगे। इस साल रिपब्लिक डे परेड का रूट भी छोटा होगा। पहले परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर होती थी, जो विजय चैक से लाल किले तक जाती थी। लेकिन इस बार परेड विजय चैक से नेशनल स्टेडियम तक ही निकलेगी। जो तकरीबन साढ़े तीन किलोमीटर ही लंबी होगी। इतना ही नहीं इस साल दस्ते का आकार भी छोटा होगा। इस साल दस्ते में 144 लोगों की जगह 96 लोग ही शामिल होंगे।