दावोस संवाद में बोले पीएम, कोरोना के खिलाफ लड़ाई को हमने जन आंदोलन में बदल दिया

प्रखर नई दिल्ली/एजेसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दावोस में विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया. पीएम मोदी ने यहां चैथी औद्योगिक क्रांति पर अपने विचार रखे. पीएम ने कहा कि भारत ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जनांदोलन में बदलकर इस पर काबू पाया. कोरोना से उबरने की मुहिम में भी भारत का आत्मनिर्भर अभियान वैश्विक उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति की बुनियाद बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, आज सबसे बड़ी चिंता है कि दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं कैसे आगे बढ़ेंगी तो सबकी नजरें इस फोरम पर रहना स्वाभाविक हैं. लेकिन भारत विश्वास, सकारात्मकता और उम्मीद का संदेश लेकर आया है. जब कोरोना आया तो मुश्किलें भारत के सामने भी कम नहीं थीं. फरवरी से अप्रैल तक नामी विशेषज्ञों ने कहा था कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश भारत होगा. भारत में कोरोना संक्रमण की सुनामी होगी. 7-8 करोड़ भारतीयों को कोरोना होने की बात कही और 20 लाख से ज्यादा मौतों का अंदेशा जताया था. भारत जैसे विकासशील देश के लिए दुनिया की चिंता स्वाभाविक थी, तब हमारी क्या मनोदशा रही होगी. भारत ने निराशा को हावी नहीं होने दिया. भारत ने सक्रियता के साथ जन सह भागीदारी के साथ आगे बढ़ाता रहा। भारत पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कोविड से संबंधित उपकरणों, टेस्टिंग और टेक्नोलॉजी के साथ डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मुहिम को आगे बढ़ाया. देश ने इस लड़ाई को जनांदोलन में बदल दिया. भारत उन देशों में है, जो अपने ज्यादा से ज्यादा कोरोना के मरीजों की जान बचाने में सफल रहा. भारत की सफलता को किसी एक देश की सफलता से आंकना मुमकिन नहीं होगा. 18 फीसदी वैश्विक आबादी वाले भारत ने पूरी दुनिया को बड़ी मानवीय त्रासदी से बचाया. तब हमारे पास पीपीई किट, मास्क, वेंटीलेटर समेत सभी चीजें बाहर से मंगाते थे, लेकिन आज हम इसका दूसरे देशों को निर्यात कर रहे है। सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम का किया शंखनाद भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर चुके हैं. भारत ने 12 दिन में 23 लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दे दिया है. अगले चरणों में बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर देगा. भारत ने वैश्विक जिम्मेदारी को शुरू से निभाया है. एक लाख से ज्यादा नागरिकों को उनके देश पहुंचाया. 150 से ज्यादा देशों को दवाइंयां पहुंचाईं. अनेक देशों के स्वास्थ्यकर्मियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. दुनिया को आयुर्वेद का महत्व भी बताया. आज कोविड वैक्सीन को भी भारत पड़ोसी देशों को भेज रहा है।