एक डॉक्टर, आंगनबाड़ी सेविका और एक आशा कार्यकर्ता का निलंबन तय
प्रखर एजेंसी। महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के कापसिकोपरी गांव के 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनिटाइजर पिला दिया गया. सभी बच्चे 0 से पांच वर्ष की आयु के हैं. इसके बाद बच्चों की हालत बिगड़ी और उन्हें उल्टी और घबराहट की शिकायत होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों की टीम बच्चों पर नजर रखे हुए है तो इस घटना पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने जांच के आदेश दे दिए हैं. सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर और स्थिर बनी हुई है। मुंबई में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि यह घटना अक्षम्य है और इसके दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी, अभी जांच के आदेश दे दिए हैं और बच्चों के स्वास्थ्य पर निगाह रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि मामले में भानबोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर, आंगनबाड़ी सेविका और एक आशा कार्यकर्ता के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं. सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद तीनों स्वास्थ्यकर्मियों एक डॉक्टर, आंगनबाड़ी सेविका और एक आशा कार्यकर्ता का निलंबन तय है। यवतमाल जिला परिषद के सीईओ श्रीकृष्ण पंचाल ने बताया कि राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के तहत भानबोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा था. यहां कुछ बच्चों ने उल्टी और बेचैनी की शिकायत की तो पता चला कि 12 बच्चों को पोलियो ड्राप्स की जगह हैंड सेनिटाइजर दे दिया गया है। इस घोर लापरवाही को गांव के सरपंच के पकड़ा, उन्होंने ही बताया कि पोलियो ड्रॉप्स की जगह सैनिटाइजर पिला दिया गया है. उन्होंने खुद सेनिटाइजर को परखा. हालांकि बच्चों की हालत स्थिर बनी हुई और सभी खतरे से बाहर हैं. सभी बच्चोंं को जल्द ही अस्पताल से छुुुुुुट्टी मिल जाएगी. लेकिन इस घटना से लोगों में भय और दहशत का वातावरण बन गया है. जिन बच्चों को पोलियो दवा मिली थी, उनके माता-पिता भी आशंकित हैं. जिले के कलेक्टर ने भी अस्पताल का दौरा किया और बच्चों की उचित देखभाल के निर्देश दिए।