वाराणसी और लखनऊ पुलिस की संयुक्त मुठभेड़ में 1 लाख का इनामी शूटर कन्हैया उर्फ गिरधारी मारा गया

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16 फरवरी को कन्हैया उर्फ गिरधारी की पुलिस रिमांड खत्म हो रही थी

कन्हैया उर्फ गिरधारी अजीत सिंह की हत्या का मुख्य शूटर था

11 जनवरी को दिल्ली में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार हुआ था

प्रखर लखनऊ/ डेस्क। मऊ जनपद के हिस्ट्रीशीटर व जिला बदर आरोपी अजीत सिंह की हत्या के आरोपी वाराणसी के चोलापुर थाना अंतर्गत निवासी कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर को लखनऊ पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार हुए गिरधारी विश्वकर्मा की पेशी लखनऊ में थी, जिसमे वह भागने व पुलिस पर जबाबी फ़ायरिग करने के कोशिश करने लगा जिसके बाद पुलिस ने उसे मार गिराया।
जानकारी के अनुसार पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान सोमवार की सुबह करीब 3 बजे विभूति खंड पुलिस अजीत सिंह की हत्या में इस्तेमाल असलहे को बरामद करने के लिए गिरधारी को विभूति खंड के खरगापुर इलाके की तरफ ले जा रही थी। खरगापुर रेलवे क्रॉसिंग के पास पुलिस टीम गाड़ी से उतर ही रही थी कि गिरधारी ने सब इंस्पेक्टर अख्तर उस्मानी की नाक पर अपने सिर से ज़ोरदार टक्कर मारी जिससे एसआई अख़्तर ज़मीन पर गिर गए और गिरधारी उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा। वही पुलिस हिरासत के दौरान अचानक हुई इस घटना से पुलिस टीम सकते में आ गई। पुलिस टीम में शामिल सीनियर सब इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने अपनी टीम के साथ गिरधारी का पीछा किया तो गिरधारी पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए झाड़ियों की तरफ भागा। इसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना देकर और पुलिस बल मंगाया गया और गिरधारी की घेराबंदी की गई। पुलिस ने झाड़ियों में छिपे गिरधारी को सरेंडर करने को कहा तो जवाब में गिरधारी ने पुलिस पर गोलियां चला दी। वही पुलिस के मुताबिक जवाबी कार्रवाई में चलाई गई गोली गिरधारी को लग गई, जिससे वो चिल्लाता हुआ मौके पर गिर गया। पुलिस टीम उसके करीब गई तो उसकी सांसें चल रही थी। पुलिस टीम घायल गिरधारी को लोहिया अस्पताल ले गई जहां पर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। बतादे कि गिरधारी तीन दिन की पुलिस रिमांड पर था और रविवार की रात विभूतिखंड पुलिस और वाराणसी पुलिस ने कई घंटे उससे पूछताछ भी की थी। वही पुलिस का दावा है कि सोमवार की सुबह उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी। और पुलिस पर गोली भी चलाई, जिसमें जवाबी फायरिंग में सहारा अस्पताल के पास उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई। पूरे मामले के अनुसार 6 जनवरी को लखनऊ के विभूतिखंड में अपराधी अजीत सिंह की हत्या कर दी गयी थी। जिसका मुख्य शूटर कन्हैया उर्फ गिरधारी था, इसके अलावा उसके साथ पांच अन्य शूटर भी थे। बताते चले कि 11 जनवरी 2021 को कन्हैया उर्फ गिरधारी की दिल्ली में नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी हुई थी। हत्या का राज पता करने के लिए पुलिस ने उसे 13 फरवरी की सुबह 11 बजे रिमांड पर लिया था। उसकी रिमांड 16 फरवरी की सुबह खत्म हो रही थी। हत्याकांड के समय
शूटर गिरधारी से वाराणसी पुलिस ने भी रविवार को विभूतिखंड कोतवाली में पूछताछ की थी। अजीत की हत्या से पहले वाराणसी में नितेश की हत्या में गिरधारी वांछित था। उस पर तब एक लाख रुपये इनाम भी घोषित हुआ था। इस मामले में साजिशकर्ता और अन्य बदमाशों के बारे में गिरधारी से कई जानकारियां पता करने के लिए वाराणसी पुलिस रविवार दोपहर को लखनऊ पहुंची थी। दिल्ली में गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी पुलिस दिल्ली गई थी लेकिन उसे रिमांड नहीं मिली थी। लखनऊ की तरह ही गिरधारी वाराणसी कोर्ट में भी नहीं गया था और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उसने अगली तारीख ले ली थी। वही लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि गिरधारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। उसने पुलिस पर भी गोली चलाई। सहारा अस्पताल के पास उसने भागने का प्रयास किया जिसमें मारा गया। इस हत्याकांड में शूटर रविदेव, मुस्तफा, अंकुर, राजेश तोमर और मददगार विपुल अभी फरार चल रहे हैं।