बदली जाएगी आरक्षण की सूची, इलाहाबाद हाई कोर्ट का 27 तक संशोधित सूची जारी करने का निर्देश

प्रखर लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची में खामी को लेकर सरकार ने अपनी गलती मानी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण प्रणाली को लागू कर पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जारी की गई आरक्षण प्रणाली नहीं चलेगी, बल्कि वर्ष 2015 को आधार मानकर ही आरक्षण सूची जारी की जाए। यूपी पंचायत चुनावों में सीटों पर आरक्षण व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इराज्य सरकार ने स्वयं कहा कि वह वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है। इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश पारित किए हैं। हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्देश के बाद अब पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की सूची में बदलाव किया जाएगा। कोर्ट ने पंचायती राज विभाग को 27 मार्च तक संशोधित सूची जारी करने का निर्देश देने के साथ ही पंचायत चुनाव को 25 मई तक सम्पन्न कराने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 2015 को आधार वर्ष मानकर राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण पूरा करने का आदेश दिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने अदालत में स्वयं कहा कि वह 2015 को आधार वर्ष मानकर त्रिस्तरीय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए स्वयं तत्पर है। प्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने माना कि सरकार से आरक्षण प्रक्रिया लागू करने में गलती हुई। यह तथ्य सामने आने के बाद कोर्ट ने प्रदेश में पंचायत चुनाव को 25 मई तक पूरा करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही 27 मार्च तक संशोधित आरक्षण सूची जारी करने का निर्देश भी दिया है। प्रदेश सरकार इससे पहले 17 मार्च को ही आरक्षण की संशोधित सूचित जारी करने की तैयारी में थी।