स्वयंसेवकों का समर्पण कोरोना काल में पूरी दुनिया ने देखा- रमेश जी

-निस्स्वार्थ भाव से समाज के लिए प्रतिबद्ध

– राष्ट्र के प्रति समर्पण है मूल

प्रखर वाराणसी। 15 मार्च रविवार को मानस नगर, शिवाला( रत्नाकर) प्रभात शाखा के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित काशी दक्षिण भाग के कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रान्त प्रचारक रमेश जी ने व्यक्त करते हुए कहा कि
जब वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण ने विश्व भर को भयभीत कर दिया था और पूरी दुनिया को अपने घरों में बन्द रहने के लिए विवश कर दिया था । तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयसेवकों ने विपत्ति के समय पुनः अपने साहस का परिचय देते हुए समाज के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया था।स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संघ की शाखा अद्भुत कार्यशाला है जहाँ व्यक्तित्व निर्माण होता है। कोरोना काल के दौरान समर्पित स्वयंसेवकों के भाव और समर्पण को दुनिया ने देखा था कि किस प्रकार स्वयंसेवकों ने असहाय और गरीब लोगों की सेवा कर अपने सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन किया। उन्होंने स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवको ने “कश्मीर से कन्याकुमारी भारत माता एक हमारी” इस नारे को आत्मसात किया है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्ज़ा समाप्त होना है। 50 वर्षों से संचालित इस शाखा में कई प्रख्यात समाजसेवकों के साथ अल्पसंख्यक समाज के भी लोग जुड़े हुए हैं। गौरतलब है कि यहां शाखा के 50 वर्ष पूरे हुए थे जहां रविवार को पूरे धूमधाम से शाखा का वार्षिकोत्सव मनाया गया।50 वर्ष पहले शिवाला शाखा को सायं शाखा के रूप में प्रारंभ किया गया जिसे 18 वर्षों से प्रभात शाखा के रूप में जाना जाता है।
वार्षिकोत्सव की अध्यक्षता करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वेद विभाग, सेवानिवृत प्रो. हृदय रंजन शर्मा ने कहा की सच्चा सुख तभी मिलता है जब पूरे विश्व को परिवार माना जाता है। संघ इसी मूल भावना के साथ कार्य करता है। इसके पूर्व शाखा के स्वयंसेवको ने खेल, दण्ड प्रयोग, पदविन्यास, सूर्य नमस्कार, आसन, व्यायाम योग, सामूहिक गणगीत, घोष वादन का सुन्दर प्रदर्शन किया। इस दौरान अल्पसंख्यक लोगों के साथ क्षेत्र के गणमान्य प्रबुद्धजन एवं स्वयंसेवक परिवारों से माताएं-बहनें भी उपस्थित रही।