इस बार टीएमसी की हार तय : मोदी पुरुलिया में चुनावी रैली में ममता सरकार पर जमकर बरसे प्रधानमंत्री

प्रखर एजेंसी। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी चुनावी रैली का शंखनाद कर दिया। बंगाल में चुनावों से करीब 10 दिन पहले पीएम मोदी की पुरुलिया में पहली रैली हुई। पीएम मोदी ने इस दौरान पुरुलिया में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान बंगाल के सियासी घमासान में पीएम मोदी ने ममता बनर्जी के आरोपों पर जबाव दिया। पीेएम मोदी ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि बंगाल में ममता सरकार की हार तय है, सरकार के गिनती के दिन बचे हैं। बंगाल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी सरकार सिर्फ अपने खेल में लगी है। इन लोगों ने पुरुलिया को दिया – जल संकट। इन लोगों ने पुरुलिया को दिया – पलायन। इन लोगों ने पुरुलिया के गरीबों को दिया – भेदभाव भरा शासन। इन लोगों ने पुरुलिया की पहचान बनाई है देश के सबसे पिछड़े क्षेत्र के रूप में। पीएम मोदी ने पूछा कि दीदी, साल-दर-साल, आप एक पुल भी नहीं बना पाए हैं, और अब आप उद्योग और विकास की बात कर रहे हैं? इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मां-माटी-मानुष की बात करने वाली दीदी को अगर दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, वनवासियों के प्रति ममता होती, तो वो ऐसा नहीं करतीं। यहां तो दीदी की निर्मम सरकार ने माओवादियों की एक नई नस्ल बना दी है जो टीएमसी के माध्यम से गरीबों का पैसा लूटती है। पीएम ने कहा कि आपका उत्साह दिखा रहा है कि टीएमसी की पराजय तय है। इस बार बंगाल के चुनाव में सिंडिकेट वालों की पराजय होगी। इस बार बंगाल के चुनाव में कट मनी वालों की पराजय होगी। इस बार बंगाल के चुनाव में तोलाबाजों की पराजय होगी। पीएम मोदी ने कहा कि अभी कल रात ही 24 उत्तर परगना में दर्जन से ज्यादा जगहों पर बमबाजी हुई है। बीजेपी कार्यकतार्ओं को निशाना बनाया गया है। ये स्थिति ठीक नहीं है। ये बदले की हिंसा, ये अत्याचार, ये माफियाराज और नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि मैं बंगाल के लोगों को विश्वास दिलाता हूं, हर भाजपा कार्यकर्ता को विश्वास दिलाता हूं कि 2 मई को बीजेपी की सरकार बनने के बाद, हर अत्याचारी पर कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। बीजेपी की सरकार में कानून का राज फिर से स्थापित किया जाएगा। हम सब को मिलकर गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्वों के सपनों के सोनार बांग्ला का फिर से निर्माण करना है।