दु:खद खबर! नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद

बताया जा रहा है कि 350 नक्सली घात लगाए बैठे थे और अचानक सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिए, कई जवान घायल भी हैं

प्रखर छत्तीसगढ़। नक्सल प्रभावित तर्रेंम थाना क्षेत्र के जोन्नागुड़ा के जंगल में शनिवार दोपहर पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में कुल 24 जवान शहीद हुए हैं। नईदुनिया प्रतिनिधि सतीश माहेश्वरी मुठभेड़ स्थल पर पहुंचे और सबसे पहले यह बात सामने लाए कि 20 जवानों के शव मौके पर ही हैं। डीजीपी डीएम अवस्थी ने भी नईदुनिया से कहा कि दो शव निकाले गए हैं और 20 शव घटनास्थल पर ही हैं। गांव के करीब और जंगल में जवानों के शव मिले हैं। नक्सली उनके हथियार, जूते और कपड़े तक ले गए हैं। मुठभेड़ के बाद 15 से ज्यादा जवान लापता बताए जा रहे थे। अब तक 30 घायल जवानों को अस्‍पताल पहुंचाया गया। सात घायलों का इलाज रायपुर और 23 का बीजापुर में चल रहा। सभी की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। घटना स्थल के लिए भेजी गई बैकअप पार्टी भेजी गई।

बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने मौके से एक महिला नक्सली का शव बरामद होने की भी जानकारी दी है। साथ ही दावा किया है कि कम से कम 15 नक्सली मारे गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। वहीं, सीएम भूपेश बघेल ने जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए उनके स्वजनों के प्रति संवेदना जताई है।
बतादे कि बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर तर्रेंम थाना क्षेत्र सिलगेर गांव के पास के जंगल में नक्सलियों की बटालियन नंबर एक के कमांडर दुर्दांत नक्सली हिड़मा की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी। इस आधार पर शुक्रवार को डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), सीआरपीएफ, एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) व कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम रवाना की गई थी। इसमें तर्रेम से 760 जवान, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा जिले के मिनपा से 483 व नरसापुरम से 420 जवानों को मिलाकर कुल 2059 जवान शामिल थे। शनिवार को सर्चिंग से वापसी के दौरान बीजापुर के तर्रेम व सुकमा के सिलगेर के बीच जोन्नागुड़ा के जंगल में फोर्स की एक टुकड़ी को नक्सलियों ने एंबुश (चौतरफा घेर लेना) में फंसा लिया।बताया जा रहा है कि नक्सली पहाड़ पर थे जबकि फोर्स खुले मैदान में। अनुमान लगाया गया है कि मौके पर करीब ढाई सौ नक्सली मौजूद थे। उन्होंने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया। दोपहर 12 बजे से करीब तीन घंटे तक दोनों ओर से लगातार फायरिंग होती रही। बता दें कि नक्सली इन दिनों टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। इसमें वे हर साल बड़ी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। नारायणपुर जिले में 23 मार्च को जवानों से भरी बस को विस्फोट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया था। इसमें पांच जवान शहीद हुए थे। शनिवार को दस दिन के भीतर दूसरी बड़ी वारदात कर डाली। जवानों के शहीद के बाद मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुरक्षा बलों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। नक्सलियों के विरुद्ध और तेजी से अभियान चलाएंगे। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के एक, बस्तरिया बटालियन के दो व डीआरजी के दो जवान शहीद हुए हैं। इनमें दो नाम मिले हैं। इनमें मूलत: त्रिपुरा के विजय सागर पलती निवासी थामस पाल (35) और डीआरजी के समैया माड़वी शामिल हैं। महिला नक्सली की शिनाख्त नहीं हो पाई है। घायल जवानों को निकालने के लिए बीजापुर जिला मुख्यालय से वायुसेना के मिग-17 हेलीकाप्टर के साथ ही बैकअप पार्टी व नौ एंबुलेंस रवाना की गई थी। पुलिस के आला अधिकारी आपरेशन पर गए जवानों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही वस्तुस्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इसके पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा किए गए बड़े हमले
– 6 अप्रैल 2010 में ताड़मेटला हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की शहादत ।
– 25 मई 2013 झीरम घाटी हमले में 30 से अधिक कांग्रेसी व जवान शहीद ।
– 11 मार्च 2014 को टहकवाड़ा हमले में 15 जवान शहीद ।
– 12 अप्रैल 2015 को दरभा में यदे एम्बुलेंस । 5 जवानों सहित ड्राइवर व एएमटी शहीद ।
– मार्च 2017 में भेज्जी हमले में 11 सीआरपीएफ जवान शहीद।
– 6 मई 2017 को सुकमा के कसालपाड़ में किया घात लगाकर हमला जिसमें 14 जवान शहीद ।
– 25 अप्रैल 2017 को सुकमा के बुरकापाल बेस केम्प के समीप किये नक्सली हमले में 32 सीआरपीएफ जवान शहीद।
– 21 मार्च 2020 को सुकमा के मिनपा हमले में 17 जवानों की शहादत।