यूपी कॉलेज के पूर्व छात्र मंडल अभियंता बाबू इंद्रजीत सिंह का निधन


प्रखर वाराणसी। बाबू इंद्रजीत सिंह 60 के दशक में उदय प्रताप कॉलेज के स्नातक विज्ञान के टॉपर छात्र थे।यहाँ से स्नातक(विज्ञान) की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात वह डाक एवं दूरसंचार विभाग में अधिकारी नियुक्त हुए एवँ मण्डल अभियन्ता रोहतास प्रमंडल के रूप में सेवानिवृत्त हुए।पद पर रहते हुए उन्होंने प्रत्येक पंचायतों में फोन के टॉवर खड़े करवाए प्रत्येक पंचायतों को दूरभाष की सेवा से लाभान्वित किया,एवं ग्रामीण समाज को मुख्य धारा में ले आए।समाजसेवा की भावना उनमें कूट -कूट के भरी थी ।सेवानिवृत्ति के पश्चात भी वह अपने गांव में स्थित मंदिर को पुनरोद्धार किए।उनकी भावी योजना थी कि एक ऐसे मॉडल स्कूल की स्थापना की जाए जिसमें गरीब बच्चे मुफ्त पढ़ सकें।इनके निधन पर उदय प्रताप कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ रामाशंकर सिंह,उपेंद्र प्रताप सिंह पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैमूर सहित उदय प्रताप कॉलेज,महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अध्यापकों, छात्र नेताओं सहित अन्य ने गहरा शोक ब्यक्त किया।मुखाग्नि काशी के मणिकर्णिका घाट पर इनके बड़े सुपुत्र महेंद्र प्रताप सिंह ने दी।आज जब पूरा देश कोरोना के संकट से गुजर रहा है ऐसे में सिंह परिवार पूरे मनोयोग से इनके साथ खड़ा रहा एवँ अंतिम संस्कार में भी पूरा सिंह परिवार चट्टान की तरह खड़ा रहा।बाबू इंद्रजीत सिंह अपने पीछे एक भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।इनके बड़े सुपुत्र प्रतिष्ठित कॉलोनाइजर हैं तथा द्वितीय पुत्र धर्मेंद्र प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में चीफ इंजीनियर हैं।इनके पोते आरटीआई एक्टिविस्ट एवँ पत्रकार सुधांशु कुमार सिंह ने कहा कि बाबा का निधन पूरे परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, वह हम सबलोगों के मार्गदर्शक थे एवँ उनकी रिक्ति कोई पूरा नहीं कर सकता।अंत्येष्टि के पश्चात समस्त कार्यक्रम इनके पैतृक गांव महुअत से सम्पन्न होंगे।