शिक्षामंत्री के भाई ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद से दिया इस्तीफा, गरीब कोटे से हुई नियुक्ति पर उठा था विवाद


प्रखर सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के गृह जनपद सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में उनके भाई की नियुक्ति मामले में नया मोड़ आ गया है। गुरुवार को उनके भाई ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया है। नियुक्ति के बाद से ही ये मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ था। बता दें कि मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी की नियुक्ति ईडब्ल्यूएस कोटे के अंतर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी। यह मामला चर्चा में आया तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रमाण के आधार पर नियुक्ति देने की बात की थी, जबकि प्रदेश की कई हस्तियों ने प्रमाण पत्र के जांच की मांग की थी। बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए करीब 150 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें मेरिट के आधार पर चयनित दस आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। उसमें मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी का नाम वरीयता सूची में दूसरे नंबर था। सोशल मीडिया पर मंत्री के भाई को बधाई से सिलसिला शुरू हुआ, उसके बाद आलोचना होने लगी थी। वहीं भाई की नियुक्ति को लेकर छिड़े विवाद पर मंत्री सतीश द्विवेदी ने भी सफाई दी थी, उन्होंने कहा था कि जिसे भी इस बारे में आपत्ति हो वो जांच करवा सकता है। वह एक अभ्यर्थी के रुप में आवेदन किया और विवि ने निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए चयन किया। इस मामले मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है। मैं विधायक और मंत्री हूं लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति से मेरे भाई को आंकना उचित नहीं है। बता दें कि अरुण द्विवेदी की पत्नी डॉ.विदुषी दीक्षित मोतिहारी जनपद के एमएस कॉलेज में मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि डॉ विदुषी की बहाली बीपीएससी के माध्यम से 2017 में हुई थी। वे यहां मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि सातवें वेतनमान के बाद उनका वेतन व अन्य भत्ता के साथ 70 हजार से अधिक है।