जी-7 सम्मेलन से तिलमिलाया चीन कहा- कुछ देश मिलकर नहीं कर सकते विश्व पर राज


प्रखर एजेंसी/लंदन। चीन इन दिनों ब्रिटेन में हुई जी-7 की बैठक और इसके एजेंडे को लेकर इसके सदस्य देशों से काफी तिलमिलिया हुआ है। चीन ने कहा है कि वो दिन खत्म हो गए, जब कुछ देश मिलकर पूरी दुनिया के लिए फैसला लिया करते थे। चीन की तरफ से ये भी कहा गया है कि कुछ देश मिलकर दुनिया पर राज नहीं कर सकते हैं। चीन के ब्रिटेन स्थित दूतावास से जारी बयान में ये बातें कही गई हैं। दूतावास के प्रवक्ता का कहना है कि चीन इस बात पर विश्वास करता है कि कोई भी देश चाहे वो छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब, ताकतवर हो या कमजोर बराबर हैं। विश्व को हर फैसला सभी के साथ मिलजुलकर लेना चाहिए।
आपको बता दें कि चीन जी-7 देशों के सम्मेलन से इस बात से भी चिढ़ा हुआ है, क्योंकि इसमें वर्तमान महामारी की दोबारा जांच करने पर सहमति जताई गई है। सदस्य देशों का मानना है कि वायरस की उत्पत्ति की जांच दोबारा जांच की जानी चाहिए और इसमें चीन को पूरा समर्थन देना चाहिए। जी-7 की बैठक में चीन से अपील की गई है कि वो हांगकांग और शिनजियांग में अपनी करतूतों को बंद करे और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का आदर करे। साथ ही इन जगहों पर रहने वालों को खुलकर जीने की पूरी छूट दी, क्योंकि ये उनका अधिकार है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि इस सम्मेलन में कई सारे ऐसे मुद्दे भी उठाए गए जिनका कहीं न कहीं चीन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे। इन सभी मुद्दों पर सदस्य देशों ने चीन के खिलाफ एकजुटता का आह्वान भी किया है। हालांकि, इन देशों ने इस दौरान चीन का कहीं भी नाम नहीं लिया। इस सम्मेलन में नियमों के मुताबिक, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से सभी की आवाजाही सुनिश्चित करने पर भी सहमति जताई गई है। वहीं चीन की तरफ से कहा गया है कि वो विश्व शांति और स्थिरता का हमेशा से ही पक्षधर रहा है। इसके बावजूद यदि कोई भी पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति और उसकी सच्चाई को बदलने की कोशिश करेगा या क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा बनेगा तो वो भी चुप नहीं बैठने वाला है। गौरतलब है कि चीन कई बार दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट को लेकर आक्रामकता दिखा चुका है। इस क्षेत्र से कई बार अमेरिकी जंगी जहाज निकले हैं। अमेरिका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन ने चीन के उस रुख की कड़ी निंदा की है जिसमें उसने कोविड-19 की जांच के लिए पूरी छूट न दिए जाने की बात कही है। आपको बता दें कि चीन ने उनकी लैब में किसी भी तरह की जांच की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है, जबकि अमेरिका चाहता है कि जांचकतार्ओं को चीन की लैब से सैंपल लेने की इजाजत मिलनी चाहिए। तभी इस जांच को निष्पक्ष करार दिया जा सकता है। बाइडन की तरफ से यहां तक कहा गया है कि वो और उनके विशेषज्ञ इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं कि ये जानलेवा वायरस किसी जानवर या पक्षी से इंसानों में आया है। उनका कहना है कि ये वायरस चीन की लैब की उपज है। इस जी-7 सम्मेलन में चीन के बेल्ट रोड इनिशिएटिव के जवाब में बिल्ड बैक बैटर वलर््ड की योजना सामने रखी है। उनका कहना है कि उनकी ये योजना न सिर्फ विश्व के देशों की बेहतरी के लिए है बल्कि ये हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को भी दशार्ती है।