महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह का गृह जनपद में ऐतिहासिक स्वागत

-धारा 370 और 35A के विरोध में छोड़ी थी कांग्रेस

– संगठन और सरकार दोनों में काम करने का अनुभव

प्रखर वाराणसी। जौनपुर की मिट्टी से निकलकर महाराष्ट्र के राजनीतिक जमीन पर अपने झंडे मजबूती से गाड़ने वाले पूर्व कांग्रेसी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री रहे कृपाशंकर सिंह ने एक साल के राजनीतिक वनवास के बाद एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में वापस लौटने का फैसला लिया। जिसके बाद उन्होंने पिछले दिनों महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता को ग्रहण किया था। 24 जुलाई शनिवार को अपने गृह जनपद जौनपुर के दौरे पर पहुंचे कृपाशंकर सिंह का जनपद के लोगों ने ऐतिहासिक स्वागत किया। बता दें कि तमाम मतभेदों के बावजूद जौनपुर के उस मंच पर जहां कृपाशंकर सिंह का स्वागत होना था। उस मंच पर जनपद के सभी विधायक सांसद और कबीना मंत्री मोती सिंह भी उपस्थित रहे। इस ऐतिहासिक स्वागत के दौरान वाराणसी जनपद की सीमा से लेकर जौनपुर नगर में सैकड़ो पोस्टर बैनर व तोरणद्वार बनाये गए कुल इक्यावन जगहों पर पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों के द्वारा बैंड बाजे व नारेबाज़ी कर जबरदस्त स्वागत किया गया। सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ जौनपुर के मोटल में भव्य अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था,जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तरप्रदेश के कैबिनेट ग्राम विकास मंत्री राजेन्द्र सिंह उर्फ़ मोती सिंह,विशिष्ट अतिथि गोरखपुर सांसद व फ़िल्म स्टार रविकिशन शुक्ला, कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी,मछलीशहर सांसद वीपी सरोज,नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव के साथ जफराबाद विधायक डॉ.हरेंद्र सिंह,केराकत विधायक दिनेश चौधरी, पिंडरा विधायक डॉ.अवधेश सिंह,मड़ियाहूं विधायक श्रीमती लीना तिवारी,बदलापुर विधायक रमेश चन्द्र मिश्रा आदि जनप्रतिनिधि मौजूद थे। अपने अभिनंदन समारोह से अभिभूत पूर्व गृहराज्य मन्त्री व बीजेपी नेता कृपाशंकर सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि इसे सम्मान समारोह कहूं या यज्ञ कहूं,आज यहां इस कर्यक्रम में मैं कोई भाषण देने के लिए नही आया हूं, बल्कि सभी को धन्यवाद देने आया हूं,आज इस कर्यक्रम में भाजपा का सबसे जूनियर कार्यकर्ता मैं हूँ। उन्होंने कहा कि 370 पर कांग्रेस के नकारात्मक रवैये के कारण हृदय बहुत दुखी हो गया,जिसके चलते कांग्रेस को छोड़ना मजबूरी हो गयी। कांग्रेस में रहते भाजपा के विरूद्ध जरूर बोलना पड़ता था किंतु कभी भी मैंने किसी को व्यक्तिगत रूप से किसी पर टिप्पणी नही की।आज मैं भाजपा में सदस्य के रूप में विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की विचारधारा के आगे नतमस्तक हूँ।