राज कुंद्रा पोर्न फिल्म मामला! राज कुंद्रा के साझीदार अरविंद का बनारस कनेक्शन मुंबई क्राइम ब्रांच जल्द करेगी जांच

अरविंद के पिता नर्वदा वाराणसी के गिलट बाजार के रहने वाले हैं

प्रखर वाराणसी/एजेंसी। पोर्न फिल्में बनाने के आरोपित शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के साझीदार अरविंद श्रीवास्तव के पिता नर्वदा प्रसाद श्रीवास्तव से मुंबई क्राइम ब्रांच के अफसरों ने पूछताछ की है। वही कानपुर में श्यामनगर के डी ब्लॉक बालाजी सावित्री सदन अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर स्थित फ्लैट नंबर 62 में अरविंद के पिता नर्वदा अपनी पत्नी प्रेमलता श्रीवास्तव के साथ रहते हैं। नर्वदा वाराणसी के गिलट बाजार के रहने वाले हैं। वह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में असिस्टेंट वर्क मैनेजर (एडब्ल्यूएम) पद तैनात थे और नागपुर से 2003 में रिटायर हुए। रिटायमेंट के बाद फिर वाराणसी आ गए। कुछ साल बाद अचानक कानपुर में प्लॉट या घर लेने का फैसला किया। जबकि कानपुर में इससे पहले उनका किसी से कोई संबंध नहीं था। बेटों की सलाह पर ही बनारस से कानपुर में रहने का फैसला लिया और श्याम नगर में रहने लगे। अरविंद का पासपोर्ट भोपाल से बना था। पहले वहां पड़ताल हुई फिर टीम कानपुर पहुंची। पिता ने बताया कि बेटे ने पांच लाख रुपए मेरे खाते में भेजे थे। क्राइम ब्रांच के पहुंचने तक मुझे नहीं पता था कि बेटा क्या करता है। मैं तो इतना जान रहा था कि वह सिंगापुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। बेटे ने भी इतना बताया था कि वह किसी कंपनी के लिए काम करता है। इसके बदले उसे पैसे मिलते हैं। ज्यादा तहकीकात की न तो गुंजाइश थी और न ही कभी सोचा था कि बेटा गलत लोगों के साथ काम कर रहा है। नर्वदा के मुताबिक उनके के दो बेटे और एक बेटी हैं। अरविंद सबसे छोटा है। नागपुर से पहले वह जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैनात थे। अरविंद ने जबलपुर से ही 12वीं तक की पढ़ाई की। उसके बाद उसने भिलाई से बीटेक किया। वर्ष 2001 में उसने बेंगलुरु में एचपी कम्पनी में ज्वाइन किया। सन 2004 में वह कम्पनी की तरफ से सिंगापुर शिफ्ट हो गया। 2001 में ही उसकी शादी बर्रा निवासी हर्षिता से हुई थी। बड़ा बेटा रजनीश भी बीटेक की पढ़ाई कर चुका है। वह जकार्ता की सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है और वहीं परिवार के साथ रहता है। बेटी की शादी हो चुकी है। वह अपने परिवार के साथ अमेरिका में रहती है। ज्यादा कुरेदने पर मां प्रेमलता रोने लगीं। नर्वदा ने हांफते हुए कहा कि वह हार्ट की पेशेंट हैं। उनसे ज्यादा न पूछा जो। उनका कहना था कि मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है। उसका राज कुंद्रा या उसकी कम्पनी से लेना-देना नहीं है। वह कम्पनी में नौकरी करता है। काम के बदले उसे पैसे मिलते हैं। यह सब कैसे हो गया। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। नर्वदा ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद वर्ष 2005 में श्यामनगर स्थित सावित्री सदन अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 62 खरीदा था। तब से वह यहीं रह रहे हैं। बेटों और बहुओं का आना जाना था लेकिन तीन साल से कोई नहीं आया। उन्होंने बताया कि अरविंद तीन साल पहले श्यान नगर स्थित घर आया था। तब वह एक सप्ताह यहां रुका था। उसके बाद से वह घर नहीं आया। उन्होंने बताया कि उन्हें हार्ट और शुगर की बीमारी है। करीब 20 दिन पहले तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद बेटे अरविंद का फोन हालचाल लेने के लिए आया था। उसके बाद से कोई बात नहीं हुई। उन्होंने बताया कि इसके पहले 15 अप्रैल को वह बीमार हो गए थे। जांच हुई तो उन्हें कोरोना था। एक सप्ताह बाद पत्नी प्रेमलता भी संक्रमित हो गई थी। तब अरविंद ने फोन पर बात की थी। नर्वदा के मुताबिक दस वर्ष पहले बड़ा बेटा रजनीश अपने साथ जकार्ता लेकर गया था। यहां करीब एक महीने रहे। इसके बाद छोटा बेटा अरविंद आ गया और मुझे व अपनी मां को लेकर सिंगापुर चला गया। सिंगापुर में अच्छा नहीं लगा तो ज्यादा दिन नहीं रहे। इसके बाद से न बेटे कभी ले गए और न ही उन्होंने जाने की इच्छा ही जताई। नर्वदा ने बताया कि अप्रैल में वह संक्रमण से ग्रसित हो गए थे। उस दौरान बेटे ने खाते में पांच लाख रुपए भेजे थे। इलाज में पैसे कम पड़ रहे थे। बाद में जब फोन पर बात हुई थी तो बेटे ने बताया था कि किसी और कम्पनी के लिए काम करने पर उसे यह रुपए मिले हैं। पिता का कहना था कि उसे काम करने के लिए पैसा मिला। नर्वदा के मुताबिक तीन माह पहले मुंबई क्राइम ब्रांच के कुछ अफसर उनके श्याम नगर स्थित घर आए थे। पुलिस टीम ने उनसे घर में ही करीब चार घंटे तक पूछताछ की थी। वह अपने साथ बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल भी लेकर आए थे। उन्हें सब कुछ सही-सही बता दिया गया। क्राइम ब्रांच वालों ने सिर्फ परिवार के बारे में पूछताछ की थी। घर में कितने सदस्य है, क्या करते हैं, कहां रहते हैं। चार घंटे तक पूछताछ के बाद टीम वापस लौट गई थी। बालाजी सावित्री सदन अपार्टमेंट के लोग अरविंद के मामले में कुछ बोलेन को तैयार नहीं हैं। अरविंद के पिता नर्वदा श्रीवास्तव के ठीक सामने वाला फ्लैट तीन साल से बंद है। पहली मंजिल पर आशीष जैन, राणा प्रताप सिंह तथा अधिवक्ता अरुण पाठक का फ्लैट है। पूछने के बावजूद कोई इस संबंध में बात नहीं करना चाहता। बेल बजाने पर लोग निकले जरूर लेकिन अरविंद का नाम सुनते ही कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है और तुरंत दरवाजा बंद कर लिया। गेट पर तैनात गार्ड को भी नहीं पता कि अरविंद श्रीवास्तव का क्या मामला है।

राज कुंद्रा के साथ अरविंद की 90 फिल्मों में साझेदारी
राजकुंद्रा की पोर्न फिल्म इंडस्ट्री में कई साझेदार हैं। उनमें प्रमुख रूप से अरविंद श्रीवास्तव और एक अन्य उमेश शामिल रहे हैं। राज कुंद्रा के अलावा इन दोनों का आपस में भी लेन-देन चलता था। मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। दोनों की तलाश में टीमें कानपुर समेत सम्भावित जगहों पर तलाश कर रही है। कुंद्रा की पोर्न इंडस्ट्री से निकली 90 फिल्मों का लेन-देन उमेश और अरविंद के बीच हुआ था। अरविंद उन फिल्मों को ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफार्म पर डलवा रहा था। उसका साथी उमेश डिस्ट्रीब्यूशन का काम देखता था। क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक अरविंद ने खुद की प्रोडक्शन कंपनी भी बना रखी थी। पिछले डेढ़ वर्ष में दोनों के बीच 90 फिल्मों में कारोबारी लेनदेन हुए। मौजूदा समय में सवा करोड़ का हिसाब बाकी रह गया है। पैसे डलवाने के लिए अरविंद ने अपने पिता नर्वदा और पत्नी हर्षिता के खातों का इस्तेमाल किया। अरविंद जब तीन साल पहले कानपुर आया था तो उसने अपने पिता और पत्नी के खातों को भी चेक किया था। बैंकों से उसने उनका स्टेटमेंट भी निकलवाया। वह यह जानकारी करना चाह रहा था कि इन खातों में ट्रांजेक्शन किस प्रकार से होता है और हर माह कहां से कितना रुपया पहुंच रहा है। अरविंद ने खुद की कंपनी तैयार कर ली थी। पहले उसने न्यू फ्लिक्स के साथ काम शुरू किया और बाद में उससे अलग होकर फ्लिज मूवीजएचडी.मी नाम से वेबसाइट बना ली। उसमें फिल्में अपलोड करने लगा था। इतना ही नहीं उसने दोस्ती फिल्म.कॉम के नाम से एक और डोमेन बुक करा लिया था। इसका वह भविष्य में इस्तेमाल करने वाला था। इसी फर्म की माध्यम से मुंबई पुलिस पर 25 लाख रुपए घूस मांगने का आरोप लगाकर ईमेल भेजा गया था। अरविंद के लिंक मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी पाए गए हैं। क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी जानकारी मिली है कि मूल पता कानपुर का होने के बावजूद उसने भोपाल से पासपोर्ट बनवाया था। पासपोर्ट 14 अगस्त 2018 में बना था। भोपाल में ही उसने फ्लिज मूवीज का ऑफिस भी था। इस कम्पनी के खाते से अरविंद के पिता और पत्नी के खाते में पैसे आ रहे थे। क्राइम ब्रांच को भी अरविंद की जानकारी भोपाल कनेक्शन खंगाले के दौरान ही मिली थी। मुंबई क्राइम ब्रांच इस तथ्य की भी जांच कर रही है कि आखिरकार उसने भोपाल से पासपोर्ट क्यों बनवाया था।