अखिलेश- शिवपाल मिलने की अटकलों के बीच शिवपाल ने अपनी पार्टी से दो विधानसभा उम्मीदवारो की घोषणा की

प्रखर डेस्क। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने इटावा जिले की सदर सीट से रघुराज सिंह शाक्य और भर्थना सुरक्षित सीट से सुशांत वर्मा को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है. शिवपाल ने 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में इन दोनों लोगों के नाम की घोषणा कर एक नये राजनीतिक मिजाज को जन्म दे दिया है. जिन दोनों लोगों के नाम की घोषणा की गई है उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि को परखने और समझने की जरूरत है. इटावा सदर से जिन रघुराज सिंह शाक्य का नाम घोषित हुआ है वो शिवपाल यादव के निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर के धौलपुर खेड़ा गांव के मूल निवासी हैं. राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात की जाए तो यह समाजवादी पार्टी के प्रभावी और प्रमुख नेताओं में से एक माने जाते हैं. शिवपाल के समाजवादी पार्टी से अलग होने की स्थिति में रघुराज सिंह शाक्य पाला बदलकर शिवपाल यादव के साथ आकर खड़े हो गए थे. शिवपाल के करीबी रघुराज सिंह वर्तमान में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव हैं. उनके अलावा शिवपाल यादव ने दूसरा नाम सुशांत वर्मा का घोषित किया है. सुशांत वर्मा पूर्व मंत्री गया प्रसाद वर्मा के बेटे हैं. उनका टिकट जिले की भर्थना सुरक्षित सीट से घोषित हुआ है. गया प्रसाद मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी और भरोसेमंद नेताओं में से एक माने जाते रहे हैं. दलित नेता के तौर पर उनकी इटावा और आसपास के इलाके में खासी पहचान रही है. वर्ष 1989 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में गया प्रसाद वर्मा सहकारिता मंत्री थे. लेकिन एक सड़क हादसे में घायल होने के बाद उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद मुलायम ने सुखदेवी वर्मा पर भरोसा जताते हुए उनको लखना सुरक्षित विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा. तब से वो लगातार मुलायम सिंह के भरोसे पर खरी उतरती रही हैं. सुशांत वर्मा की मां वर्ष 2012 में इटावा जिले की लखना सुरिक्षत विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुई थी. लेकिन पार्टी स्तर पर कराये गये सर्व के आधार पर उनका टिकट काट कर कमलेश कठेरिया को टिकट दे दिया गया. 2007 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सुखदेवी वर्मा पर दांव लगाया था लेकिन बीएसपी के डॉ. भीमराव अंबेडकर से वो पराजित हो गईं. इसके बाद 2012 के विधानसभा के चुनाव में सुखदेवी वर्मा ने जीत हासिल करके पार्टी नेतृत्व का भरोसा अपने प्रति बना लिया था ।