सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह मामले में आईपीएस अमित पाठक के बाद एसओ और दरोगा भी निलंम्बित

-आत्मदाह से पहले फेसबुक लाइव पर पुलिस की कार्यशैली पर उठाए थे सवाल

प्रखर वाराणसी। मुख्तार अंसारी के करीबी और घोसी से बसपा सांसद अतुल राय के ऊपर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने फेसबुक लाइव आकर जिस तरह से वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक पर इस पूरे मामले में हीला हवाली और अतुल राय का साथ देने का आरोप लगाया था। उसके बाद इस पूरे मामले पर सुबे की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गाजियाबाद में तैनात एसएसपी अमित पाठक को मुख्यालय पुलिस महानिदेशक लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया है।
आईपीएस के बाद एसओ और दरोगा पर बड़ी कार्रवाई की गई है। कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह और मामले के विवेचक गिरजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार देर रात वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक को गाजियाबाद के एसएसपी पद से हटा दिया गया था। बतादें कि बलिया निवासी पीड़िता ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक मई 2019 को लंका थाने में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी और हिस्ट्रीशीटर विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी अतुल राय पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन वाराणसी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए
पीड़िता और उसके साथी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने से पहले फेसबुक लाइव आकर उन्होंने वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाठक ने इस मामले में उनकी कोई सुनवाई नहीं की और बसपा सांसद के दबाव में आकर पुलिस पीड़िता को ही लगातार प्रताड़ित करती रही और आखिरकार पुलिस अपने जाल में फंसाने में कामयाब रही। इस फेसबुक लाइव के बाद पीड़िता और उसके गवाह साथी ने सुप्रीम कोर्ट के गेट के सामने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग के हवाले कर दिया। वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आग पर काबू पा लिया लेकिन इसके बावजूद दोनों लगभग 40% तक जल गए हैं । उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

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