बेटियों ने पिता की मृत्यु के बाद कराया नेत्रदान, फिर शव को दिया कांधा चिता भी सजाई

प्रखर वाराणसी। कौन कहता है कि बेटियां बेटों से कम है। वाराणसी में एक ऐसा वाकया देखने को मिला जिसको देखकर सभी दंग रह गए, पिता की मौत के बाद उनकी बेटियों ने अपने पिता को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया और खुद ही चिता सजाकर उन्हें मुखाग्नि दी। सामाजिक कुरीतियों को तोड़ते हुए बेटे का फर्ज बेटियों ने निभाया। बतादे कि जिले के चौबेपुर के बरियासनपुर की बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया और मुखाग्नि दी। इससे पहले पिता की शवयात्रा में शामिल होकर बेटियों ने कंधा देने के साथ नेत्रदान भी कराया। उधर, बेटियों की इस पहल की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है। बताते चले कि चौबेपुर के बरियासनपुर गांव के हरिचरण पटेल (80) का शनिवार की रात निधन हो गया था। उनके इकलौते पुत्र भागीरथी पटेल ने इसकी सूचना अपनी बहन प्रेमा देवी व हीरामनी देवी को दी। दोनों बहनें ससुराल से मायके आईं। उन्होंने पिता के नेत्र दान करने के संकल्प की जानकारी परिवारजन को दी। वाराणसी आई बैंक सोसायटी को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर डॉ. अजय मौर्या की टीम ने कुशलता पूर्वक दान किए दोनों नेत्र निकाले। दोनों बेटियों ने अर्थी को श्मशान पहुंचाने और मुखाग्नि देने का प्रस्ताव रखा। इस पर भाई ने अपने समाज के लोगों से अनुमति मांगी। इस पर ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष बाल किशुन पटेल व पूर्व ग्राम प्रधान देवराज पटेल ने हामी भर दी। इसके बाद दोनों बेटियों ने परिवार की सुधा, मंशा, लल्लीच महदेई, रेखा आदि की मदद से पिता के पार्थिव शरीर को कंधे पर उठाया। पांच किलोमीटर की दूरी तय कर सभी सरायमोहाना में गंगा किनारे श्मशान घाट पहुंचे। इसके बाद दोनों बहनों ने पिता की चिता सजाई और मुखाग्नि दी। अंत्येष्टि के बाद निर्णय लिया गया कि तेरहवीं पर मृत्यु भोज की जगह केवल शोकसभा होगी। उस दिन पिता की स्मृति में फलदार वृक्ष लगाया जाएगा।