फर्जीवाड़ा- प्रयागराज में लगाया गया चेक गाजीपुर में हुआ कैश

– एसबीआई गाज़ीपुर ब्रांच मैनेजर और कैशियर की भूमिका संदिग्ध

– प्रयागराज में लगाया गया चेक आखिर गाजीपुर पहुंचा कैसे

प्रखर गाजीपुर। फर्जीवाड़े के तमाम किस्से आपने सुने होंगे लेकिन यह अपने तरह का निराला और अलग फर्जीवाड़ा है। मामला ये है कि प्रयागराज के इंडियन ओवरसीज बैंक सिविल लाइंस शाखा में डाले गए चेक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मिश्र बाजार गाजीपुर की शाखा से कैश हो गए । बड़ा सवाल यह है कि पांच-पांच लाख के दो चेक स्टेट बैंक की मिश्र बाजार शाखा गाजीपुर से कैश होता है। तो यह किसके आदेश पर होता है क्योंकि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार 50 हजार से ऊपर के चेक जो कैश किये जाते हैं उनके लिए अलग नियम बनाये गए हैं। जबकि उक्त दोनों चेक के पीछे खातों के डिटेल भी लिखे गए थे इसके बावजूद इस तरह का फर्जीवाड़ा बैंक कर्मियों की मिलीभगत की तरफ साफ तौर पर इशारा कर रहा है। बता दें कि प्रयागराज के शाहपुर,पीपल गांव निवासी राम आशीष प्रयागराज में ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं।जिन्होंने अपनी अचल संपत्ति गाजीपुर निवासी रामाश्रय पंकज एवं निर्मला देवी को बेचा था। एवज में इन दोनों ने राम आशीष को अपने गाज़ीपुर ब्रांच के चेक से भुगतान किया था । इस चेक पर बाकायदा राम आशीष का नाम भी लिखा गया था। इन दोनों चेकों को कैश कराने के लिए राम आशीष में इंडियन ओवरसीज बैंक सिविल लाइन शाखा प्रयागराज में जमा किया , जहां से यह दोनों चेक निकलकर गाजीपुर पहुंच गए और वहां से उनका कैच भुगतान भी कर दिया गया। अब इस संदर्भ में पीड़ित राम आशीष प्रयागराज और गाजीपुर के चक्कर लगा रहे हैं । इस संदर्भ में पुलिस इनकी प्राथमिकी न प्रयागराज में लिख रही है ना ही गाजीपुर में बदहवास राम आशीष प्रयागराज से गाजीपुर और गाजीपुर से प्रयागराज दौड़ रहे हैं। इस पूरे फर्जीवाड़े में इंडियन ओवरसीज बैंक प्रयागराज शाखा सिविल लाइन के कर्मचारी और भारतीय स्टेट बैंक मिश्र बाजार शाखा गाज़ीपुर के कर्मचारी सीधे तौर पर सम्मिलित नजर आ रहे हैं।