दोषमुक्त हुआ प्रखर पूर्वांचल का पत्रकार

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प्रखर वाराणसी। सुधांशु कुमार सिंह आरटीआई एक्टिविस्ट एवँ वरिष्ठ पत्रकार के ऊपर फर्जी मुकदमा वाराणसी जनपद के सिगरा थाना में प्रो0 योगेंद्र सिंह विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के द्वारा दर्ज कराया गया था। प्रखर पूर्वांचल के पत्रकार सुधांशु कुमार सिंह ने अपने बयान कहा था कि आज तक मेरे दामन पर कोई दाग नहीं लगा नाही कभी मैंने विधि विरुद्ध कार्य किया।चूंकि सत्र 2007-2008 एवं 2008-09 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के इतिहास विभाग में प्रवेश में ब्यापक धांधली एवं अनियमितता की गयी थी।जिसको मैंने आरटीआई के माध्यम से उजागर किया ।तत्कालीन राज्यपाल महोदय के निर्देश पर विद्यापीठ प्रशासन ने जांच प्रारंभ की एवँ मेरे सभी आरोपों को सही पाया।तत्पश्चात इस षड़यंत्र में शामिल अध्यापकों/कर्मचारियों की संलिप्तता हेतु एक जांच समिति के गठन का निर्देश कुलपति विद्यापीठ को राज्यपाल सचिवालय द्वारा दिया गया। यह रिपोर्ट मुझे सन 2021 में प्राप्त हुई।तत्काल इस रिपोर्ट को मैंने महामहिम राज्यपाल महोदया, कुलपति विद्यापीठ एवँ माननीय मुख्यमंत्री जी को दिनांक-13.02.21 को प्रेषित कर दिया। इस रिपोर्ट में दोषी पाए गए अध्यापकों में प्रो0 परमानंद सिंह की मृत्यु हो चुकी है एवं 2 अध्यापक सेवानिवृत्त हो गए हैं।एकमात्र प्रो0 योगेंद्र सिंह वर्तमान समय में कार्यरत हैं।चूंकि इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के कारण काउंटर के रूप में ब्यक्तिगत विद्वेषवश निराधार, सक्ष्यविहीन आरोप लगा कर सिगरा थाना में दबाव बनाने हेतु फर्जी मुकदमा पंजीकृत करवाया गया। जिन धाराओं के तहत मुझपर मुकदमा कायम किया गया है वह लागू ही नहीं होती धारा 505 एवं आई टी एक्ट की धारा 67(C) के तहत मैं आता ही नहीं क्योंकि न तो मेरे द्वारा सक्ष्यविहीन खबर प्रकाशित करायी गयी है ना ही ऐसी कोई फर्जी सूचना वायरल की गयी है एवँ ना ही कभी प्रो0 योगेंद्र सिंह को सोशल मीडिया पर अपमानित किया गया है।प्रो0 योगेंद्र सिंह ने मेरी सार्वजनिक छवि धूमिल करने हेतु कुत्शित मंशा से मुझपर प्राथमिकी दर्ज करायी है। न्याय की नजरों में मैं कहीं दोषी नहीं हूं।यदि ईमानदारी से पत्रकारिता करने पर इसी तरह मुझ जैसे पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज होता रहा तो इस समाज में भ्र्ष्टाचार को और बढ़ावा प्राप्त होगा एवँ ईमानदार ब्यक्ति हतोत्साहित होगा। माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार एवँ गृहमंत्री भारत सरकार ने इस प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशित किया।जिसपर अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चंद्र दुबे ने जांच की कमान एसपी क्राइम को सौंपी।विवेचना में सुधांशु कुमार सिंह पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ और वह बेदाग सिध्द हुए।सुधांशु कुमार सिंह ने वाराणसी पुलिस की कार्यशैली की प्रशंसा की एवँ मुख्यमंत्री,गृहमंत्री का आभार जताया।साथ ही यह भी कहा कि मानहानि का मुकदमा वह प्रो0 योगेंद्र सिंह पर दाखिल करेंगे एवँ भ्रष्टाचार से उनकी जारी रहेगी।