ग़ाज़ीपुर- स्वाभिमान संगठन ने जलजमाव की समस्या का डीएम को सौपा ज्ञापन

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। करंडा क्षेत्र के एक दर्जन गांव की कृषि भूमि अभी भी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है जिसके कारण किसानों के सामने खेती का संकट खड़ा हो गया है। इस समस्या को लेकर मंगलवार को स्वाभिमान संगठन का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से मिल ज्ञापन सौंपा और समस्या के समाधान की गुहार लगाई ताकि किसानों को राहत मिल सके। जिलाधिकारी से वार्ता करते हुए अध्यक्ष डा. देवेश सिंह ने बताया कि करंडा क्षेत्र के धरम्मपुर, कटरिया, कोटिया, अटरिया व विशुनपुरा के किसानों की लगभग 800 बीघे भूमि पर 8 फीट तक बाढ़ का पानी जमा हुआ है। इन गांवों के अलावा क्षेत्र के मैनपुर, मानिकपुर, लखनचन्दपुर, ब्राहमणपुरा, सरैया व करंडा की भी लगभग 700 बीघे कृषि योग्य भूमि बाढ़ के पानी से पूरी तरह से जलमग्न है। इससे किसानों के सामने खेती का संकट खड़ा हो गया है। अगर इन खेतों से पानी निकालने की व्यवस्था नहीं की गई तो रबी की बुआई नहीं हो पाएगी और हजारों परिवारों के सामने भुखमरी और रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। बाढ़ आने के बाद इन गांवों की खरीफ की खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। वैसे इन गांवों के लोग खरीफ के सीजन में दलहनी और सब्जी की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं। फसल डूबने से पहले से ही कर्ज में डूबे किसानों को अब रबी की बुआई न हो पाने की चिंता सताए जा रही है। किसानों का कहना है कि यदि रबी की बुआई नहीं हो पाएगी तो कई परिवार कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे। बताया कि वर्ष 2019 में भी बाढ़ के पानी का जल जमाव था, उस समय प्रशासन ने पम्प लगाकर कटरियां, धरम्मरपुर के किसानों के खेतों से पानी निकलवाया था। हजारों किसान परिवारों के हितों को देखते हुए उक्त जल-जमाव वाले क्षेत्रों से पानी को निकालने की व्यवस्था कर दी जाती तो अन्नदाता किसान परिवार परेशानियों से उबर जाता और खेती का कार्य शुरु करता।
प्रतिनिधिमंडल में अरूणेश पांडेय, नीलेश दुबे, अंजुमन यादव, उपेंद्र सिंह, पीयूष सिंह, पुनीत सिंह, विनीत सिंह, विनीत दुबे, मारूती राय, रत्नेश सिंह आदि शामिल थे।