लेखपाल की कारदानी सरकारी कर्मी की पुत्री का बनाया 42 हजार का आय प्रमाण पत्र, सीएम से शिकायत

प्रखर केराकत जौनपुर। आय प्रमाण पत्र बनाने की जिम्मेदारी ग्राम सभा के लेखपाल को होती है। जिसके लिए वह पूरी जांच-पड़ताल कर किसी का आय प्रमाण पत्र बनाता है, जिससे उसे लाभ मिल सके। लेकिन कुछ लालच के लिए अपने पद की गरिमा को खराब करते हुए सरकारी कर्मियों के भी बच्चों का निम्न आय वर्ग में आय प्रमाण पत्र बना देते हैं। ऐसा ही एक मामला केराकत तहसील के डोभी ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम सभा करनेहूआ उचेहुआ का सामने आया है। जहां पर उक्त गांव के लेखपाल ने 2019 में एक सरकारी कर्मी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की पुत्री का आय ₹42000 बना दिया। इस बाबत शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत कर गुहार लगाई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि लेखपाल पैसे लेकर लोगों का कम पैसे का आय बनाता है। इस बाबत जब हमने अपनी आय बनाने के लिए इन्हें आवेदन दिया तो इन्होंने पैसे की मांग की। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि पिछले दो-तीन वर्षों में लेखपाल ने कई लोगों का आय कम पैसे का बना कर बड़ा भ्रष्टाचार किया है। शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर आवेदन देकर की है। अब देखना यह है कि लेखपाल के खिलाफ प्रशासन किस स्तर की कार्यवाही करता है। इस बाबत जब प्रखर पूर्वांचल ने लेखपाल से बात की तो उन्होंने कहा कि यह मेरी गलती नहीं है मुझे जो आवेदन में मिला मैंने उसी को आगे फॉरवर्ड कर वेरिफाई कर दिया। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि लेखपाल आय प्रमाण पत्र बनाने से पहले स्थलीय निरीक्षण किए कि नहीं यह सोचने का विषय है। इस बाबत जब प्रखर पूर्वांचल ने उप जिलाधिकारी केराकत से बात की तो उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य हो जाया करते हैं क्योंकि आय प्रमाण पत्र बनाने का काफी दबाव रहता है। जिसमें लेखपाल भौतिक सत्यापन नहीं कर पाता और जो आवेदन में रहता है उसी को वेरीफाई कर आगे फॉरवर्ड कर देता है। अब बड़ा सवाल यह है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो पात्र को इसका लाभ नहीं मिलेगा और अपात्रों को लाभ मिलता रहेगा।