तमाम अटकलों के बाद आखिरकार टाटा की हो गई एयर इंडिया

प्रखर डेस्क। तमाम अटकलों के बात फाइनली टाटा ने एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीत ली है। अब एयर इंडिया टाटा की हो गई है। इसकी घोषणा निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव, तुहिन कांता पांडे ने की है। टाटा संस महाराजा के लिए 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। टाटा ने स्पाइसजेट के अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को पछाड़ दिया है। स्पाइसजेट की तरफसे 15,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह की शुरुआत में कर्ज से लदी नेशनल कैरियर के लिए बोलियों का वैल्यूएशन करना शुरू कर दिया था।  कर्ज में डूबे एयर इंडिया के पास 127 विमान हैं। एयर इंडिया वर्तमान में 42 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की सेवा दे रही है। सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। टाटा समूह के पास पहले से ही एयर एशिया इंडिया में करीब 84 फीसदी और विस्तारा में 51 फीसदी हिस्सेदारी है। एयर इंडिया के साथ टाटा समूह का जुड़ाव 1932 से है। हालांकि, सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया। पिछले साल दिसंबर में, जब सरकार ने एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया के लिए रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की, तो चार बोलीदाताओं ने ईओआई जमा किया, जिसमें टाटा संस, कुछ एआई कर्मचारियों और इंटरअप का एक और संघ, और स्पाइसजेट चार नाम थे। हालांकि बाद में केवल टाटा समूह और स्पाइसजेट के सीईओ अजय सिंह भारत एयर इंडिया को संभालने की दौड़ में थे।