उत्तराखंड में बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ा, दशाश्वमेध घाट की प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान बदला

पहली बार अक्टूबर महीने में गंगा का जलस्तर बढ़ा, वजह उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश

वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ाव पर घाटों का आपसी संपर्क टूटा

प्रखर एजेंसी। उत्तराखंड के पहाडी इलाको में हुई बारिश का बड़ा असर गंगा में देखने को मिल रहा है। कई वर्षों में पहली बार अक्टूबर में गंगा में इस तरह का उफान आया हुआ है। गंगा में बढ़ाव से कानपुर से वाराणसी तक खलबली मची है। प्रयागराज, मिर्जापुर और भदोही में भी गंगा में बढ़ाव हो रहा है। कानपुर में गंगा ने बिठूर से कटरी होते हुए शुक्लागंज तक बाढ़ की चेतावनी दे दी है। वाराणसी में घाटों का संपर्क आपस टूट गया है। दशाश्वमेध घाट पर प्रसिद्ध गंगा आऱती स्थल भी डूब गया है। वाराणसी में जलस्तर मंगलवार की सुबह से तेजी से बढ़ने लगा। सुबह तुलसी घाट समेत निचले घाटों तक पानी पहुंच चुका था। दोपहर तक ज्यादातर घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। कानपुर में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। वहां से मंगलवार को 3,64,797 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह अब तक का रिकॉर्ड डिस्चार्ज है। माना जा रहा है कि देररात से लेकर बुधवार की शाम तक वाराणसी में गंगा के पानी में और बढ़ाव होगा।
सोमवार की रात पानी बढ़ने के साथ घाट किनारे रहने वालों में खलबली मच गई थी। नाविक नाव बांधने के लिए खूंटे ऊंचाई पर ले गए। दुकानदारों ने भी सामान समेटना शुरू कर दिया। सोमवार की सुबह आठ बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 63.16 मीटर था, जो मंगलवार की सुबह 63.58 मीटर पहुंच गया। अगले दस घंटे यानी शाम छह बजे तक गंगा के जलस्तर में 14 सेंटीमीटर का बढ़ाव दर्ज किया गया। जलस्तर 63.72 मीटर हो चुका था। बता दें कि बनारस में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर, खतरे का निशान 71.90 मीटर और उच्चतम बाढ़ बिंदु 73.90 मीटर है।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पानी बढ़ने का यह क्रम अगले दो दिनों तक जारी रह सकता है। मंगलवार की सुबह ही तुलसी घाट की लाल फर्श पानी में डूब चुकी थी। दोपहर तक पानी रीवा घाट के रास्ते पर पहुंच गया और इसके साथ ही चेतसिंह घाट, शिवाला घाट, चौकी घाट डूब चुके थे। घाटों का संपर्क मार्ग पूरी तरह से कट गया था। दशाश्वमेध और शीतला घाट के आरती स्थल तक पानी पहुंच चुका है तो हरिश्चंद्र घाट पर भी हरिश्चंद्र पादुका पानी में डूब गई है। यहां शवदाह ऊपर की सीढ़ियों पर कराया जा रहा है।