चंदौली जिला खाद्य विपणन अधिकारी का बड़ा खेल!

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– एक ही जांच रिपोर्ट दो अलग-अलग तारीखों में किया प्रेषित

– शिकायतकर्ता ने चर्चित ठेकेदार को बचाने का लगाया आरोप

प्रखर चंदौली। चंदौली में जिला खाद्य विपणन अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव का एक नया कारनामा सामने आया है। बतादें कि शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार सिंह की शिकायत पर जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने चर्चित ठेकेदार को बचाने के लिए बैक डेट में रिपोर्ट तैयार करा दिया है। शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि जांचकर्ता जिला खाद्य विपणन अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव ने ठेकेदार को बचाने के लिए नियमों कायदे कानूनों की खुले तौर पर अवहेलना करते हुए, उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया है। बतादें कि गाड़ी सं. यूपी-54- डी-0217, दूसरी गाड़ी संख्या यूपी-63-एच-9545 जो कि प्रमोद कुमार सिंह के नाम से रजिस्टर्ड है और उनके फर्म के लिए कार्य करती हैं । उन्हीं गाड़ियों को उस चर्चित ठेकेदार के फर्म में काम करते हुए इंट्री किया गया है। शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार सिंह ने इस मामले की शिकायत की थी। इस मामले में जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा एक ही रिपोर्ट दो अलग-अलग तारीखों पर दी गई है। पहली रिपोर्ट 5 जनवरी 2021 को दी गई है। तो दूसरी रिपोर्ट 29 सितंबर 2021 को दी गई है। इस रिपोर्ट की प्रतिलिपि आयुक्त खाद्य तथा रसद विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ, जिलाधिकारी चंदौली, संभागीय खाद्य नियंत्रक वाराणसी के अलावा क्षेत्रीय विपणन अधिकारी सकलडीहा को भी प्रेषित की गई है। अब सवाल यह है कि क्या एक ही जांच रिपोर्ट इन चारों अधिकारियों को दोनों बार भेजी गई है? इसपर शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि 5 जनवरी 2021 को जो रिपोर्ट बैक डेट में तैयार की गई है, वह पूरी तरीके से गलत और फर्जी है। इस मामले में प्रखर पूर्वांचल ने जिला खाद्य विपणन अधिकारी चंदौली अनूप कुमार श्रीवास्तव से बात किया तो उनका कहना है कि यह दोनों जांच रिपोर्ट दो अलग-अलग शिकायतों में दी गई है। सवाल यह है कि पहली रिपोर्ट ही दोबारा दी जा सकती थी, तो फिर जिला खाद्य विपणन अधिकारी के कार्यालय द्वारा ऐसा क्यों किया गया? वहीं दूसरी तरफ शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि पत्रांक में हेर-फेर करके यह शिकायत बैक-डेट में तैयार कराई गई है, ताकि चर्चित ठेकेदार को बचाया जा सके। उन्होंने इस मामले में आरटीआई से जवाब मांगने की भी बात कही है । प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि इससे साफ हो जाएगा कि आखिर इन जांच रिपोर्ट की प्रतिलिपि जिन चारों अधिकारियों को भेजी गई है, उनको भेजने का माध्यम और तिथियां क्या रही है? बड़ा सवाल यह है कि चर्चित ठेकेदार को बचाने के लिए जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वार इस स्तर पर प्रयास क्यों किया जा रहा है? शिकायत व जांच के बावजूद भी 2021-22 में भी धान खरीद केंद्र और परिवहन का ठेका चर्चित ठेकेदार को आवंटित कैसे किया गया है।