समाजवादी इत्र वाले के पास से सीक्रेट डायरी बरामद, हो सकते है कई बड़े खुलासे

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अधिकारियों से इत्र कारोबारी ने कहा ये सब पैसे मेरे है, इनकम टैक्स काटकर लौटा दो

पीयूष जैन से कहा पुस्तैनी 400 किलो सोना बेचकर रखे थे पैसे

प्रखर एजेंसी। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित आवास पर रेड में आयकर विभाग और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड को कुछ डायरी और बिल भी मिले हैं. इनमें कई कंपनियों से कच्चा माल खरीदने और बेचने का जिक्र है. सूत्रों के मुताबिक, छापे में शामिल टीम अब इन कंपनियों से संपर्क कर बिलों और डायरी में दर्ज जानकारी की तस्दीक करेगी. इस खबर से इत्र कारोबार से जुड़े लोगों में खलबली मची है.
कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से 185 करोड़ रुपये मिलने के बाद इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने अभी तक किसी का नाम नहीं कबूला है। पूछताछ में अफसरों से कहा कि ये पैसा उसी का है, जिसे पुश्तैनी सोना बेचकर जमा किया था। सोना क्यों बेचा, किसे बेचा, कितने का बेचा, इन सवालों का जवाब वह नहीं दे सके। दावों की सच्चाई जानने के लिए ही जांच अफसर कन्नौज स्थित उनके घर की तिजोरियों और दीवारों को तोड़ने में लगे हैं। पीयूष ने डीजीजीआई अफसरों से पूछताछ के बाद भी कुछ नहीं उगला। पीयूष ने अफसरों से कहा कि ये उसका पैसा है। चाहें तो इनकम टैक्स काट लें और बाकी लौटा दें। इतना पैसा कहां से आया? जवाब में पीयूष ने कहा कि घर का पुश्तैनी 400 किलो सोना था, जिसे बेच दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, पीयूष जैन के घर रेड करने पहुंची टीम ने पूरे दिन मकान का कोना-कोना तलाश किया. अधिकारियों के घर की दीवारों और छतों पर लगी फॉल्स सीलिंग भी तोड़ कर जांच की. घर की तलाशी के दौरान टीम को करीब नौ ड्रम संदल मिला है. टीम ने इसे सील कर दिया है. इसके अलावा चाबियों से भरा एक झोला मिला है. इसमें घर के कमरों, कार्यालय और गोदामों की करीब तीन सौ से अधिक चाबियां हैं. टीम इन चाबियों से बंद तालों को खोलने में कई घंटे उलझी रही. जांच टीम ने सोना बेचने का कारण पूछा तो बोले, जरूरत थी। क्या जरूरत थी? इस पर कहा कि बिजनेस में पैसा लगाना था। अफसरों ने कहा कि पिछले पांच साल में एक नई फर्म नहीं खोली है। बिजनेस नहीं बढ़ाया है। कोई नया बिजनेस प्लान नहीं है। किसी नए कारोबार का ब्लू प्रिंट तक नहीं है, फिर भी सोना बेच दिया। इस पर वह खामोश हो गए। फिर अफसरों ने कहा, चलो मान लेते हैं कि सोना बेचा तो कहां बेचा। इस पर पीयूष ने कहा, थोड़ा-थोड़ा कर कई साल से छोटे-छोटे ज्वैलर्स को सोना बेच रहे थे। इस पर अफसर भी हंस पड़े और कहा, 400 किलो सोना कई साल से बेचकर रकम जमा करने की मूर्खता कौन करता है भाई। इस पर वह चुप्पी साध गए।