दुर्भाग्य! कोरोना कोष से पिछले 6 महीने में 50% राशि भी राज्यों ने नहीं की खर्च

प्रखर एजेंसी। देश में कोरोना के नए मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं आए दिन हजारों की संख्या में कोरोना केस सामने आ रहे हैं। वही केंद्र सरकार ने जो कोरोना कोष के रूप में कोष बनाया है, उसमें से किसी राज्य ने 50% राशि भी खर्च नहीं की है। इसे दुर्भाग्य ही कह सकते हैं कि इतनी बड़ी आपदा के बीच राज्य इस तरह का रवैया अपना रहे हैं, तो स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या होगा? इन सब मामले में उत्तर प्रदेश भी उन्हीं राज्यों के कैटेगरी में आकर खड़ा होता है, जिन राज्यों ने कोष से मामूली रकम खर्च की है। बतादे कि केंद्र सरकार ने दावा किया है कि कोरोना के लिए बने कोष से अगस्त 2021 तक 50 प्रतिशत राशि जारी की जा चुकी है। लेकिन, उत्तर प्रदेश ज्यादार राज्य आधी राशि भी खर्च नहीं कर पाए हैं। कैबिनेट द्वारा 8 जुलाई 2021 को स्वीकृत इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम्स प्रिपेर्डनेस पैकेज द्वितीय चरण (ईसीआरपी चरण-2) में 23,123 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसमें केंद्र सरकार 15 हजार करोड़ और राज्य सरकारें 8,123 करोड़ का योगदान देंगी और 1 जुलाई 2021 से 31 मार्च 2022 तक खर्च किया जाएगा। यह राशि देश भर में कोविड की जांच, रोकथाम, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और आपात स्थिति की बेहतर रखने में खर्च होना है। कुल कोष में से राज्य सरकारें 20,308.70 करोड़ खर्च करेंगी, जिसमें से 12,185.70 करोड़ रुपए केंद्र देगा। बाकी 8,123 करोड़ राज्य चुकाएगा। केंद्र अपने हिस्से में से 6,075.85 करोड़ रुपए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 24 अगस्त 2021 तक जारी कर चुका है, जो उसके हिस्से का कुल 50 प्रतिशत है। यूपी ने 9.26 % ही खर्च किया
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना से लड़ने के लिए यूपी को इस फंड में 2,690.07 करोड़ रुपये मिलने हैं। इसमें से 939.94 करोड़ जारी हो चुके हैं लेकिन सरकार केवल 87.05 करोड़ यानी 9.26 प्रतिशत ही खर्च कर पाई। इसी प्रकार उत्तराखंड सरकार 6.28 प्रतिशत, राजस्थान 4.80 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर 2.44 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश 9.94 प्रतिशत, महाराष्ट्र 0.32 असम 0.38 प्रतिशत पैसा ही खर्च कर पाए।