1942 की क्रांति के अमर शहीद राजनारायण पाण्डेय के स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन


प्रतिवर्ष 6 जनवरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का होता है आयोजन

प्रखर डेस्क। “शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा” यह लाइनें तो आपने सुनी ही होगी। आज हम उस शहीद का जिक्र करने जा रहे हैं, जिसने आजादी से पहले अंग्रेजों की गुलामी की जंजीर को तोड़ने के लिए अपने देश पर अपनी जान को निछावर कर दिया। हम बात कर रहे हैं जौनपुर जनपद के केराकत तहसील अंतर्गत आने वाले बरईछ गांव के उस क्रांतिकारी नौजवान शहीद की जिसने अंग्रेजों की गुलामी नहीं स्वीकार की और अंग्रेजों ने उन्हें जबरदस्ती जेल में डाल दिया। जेल में इतनी यातनाएं दी की जेल में ही उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। हम बात कर रहे हैं शहीद राजनारायण पाण्डेय की जिन्होंने अंग्रेजों से भरपूर लोहा लिया और उनको मुंहतोड़ जवाब दिया। गांधी जी को अपना आदर्श मानने वाले राजनारायण पाण्डेय इतने क्रांतिकारी थे कि बचपन से ही उनके अंदर अंग्रेजों के प्रति इतनी घृणा थी कि 1942 की क्रांति में अन्य क्रांतिकारियों के साथ कूद पड़े और अंग्रेजों से लोहा लेने लगे। जिसके बाद अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ कर जेल में डाल दिया और 6 जनवरी 1943 को उसी काल कोठरी में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके भतीजे अधिवक्ता प्रदीप पाण्डेय प्रतिवर्ष 6 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि पर उनके शहीद स्मारक पर फूल चढ़ाकर व दीप जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बतादें कि पेशे से अधिवक्ता प्रदीप पाण्डेय हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 6 जनवरी को उनके शहीद स्मारक पर पहुंचे और फूल- माला चढ़ाकर उन्हें प्रणाम किया और श्रद्धांजलि दी। उनके साथ तमाम ग्राम सभा के लोग भी पहुंचे और शहीद राजनारायण पाण्डेय को श्रद्धांजलि देकर उनके कारनामों को याद किये। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित जनों में अधिवक्ता प्रदीप पाण्डेय सहित मनोज पाण्डेय, दिनेश पाण्डेय, सुशील चन्द्र मिश्र , सुरेंद्र पाण्डेय, कलिप्रकाश मिश्र ,राजू मिश्र, अनिल पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, सुबास पाण्डेय, दिनेश यादव मास्टर, अवधेश पाण्डेय, राजेश पाण्डेय गुड्डू, प्रसांत पाण्डेय, अशोक निलय, विनय नाविक प्रधान, प्रज्वल, प्रतीक पाण्डेय, दिव्यांश पाण्डेय, पंकज मिश्र, लालमन यादव प्रधानपति सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।