ग़ाज़ीपुर- 324 महिलाओं ने खुशहाल परिवार दिवस पर अपनाई नसबंदी


– आठ पुरुषों ने भी परिवार नियोजन के स्थायी साधन को चुना

प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। जनसंख्या स्थिरता को लेकर सरकार काफी गंभीर है। लगातार चल रहे जन जागरूकता कार्यक्रमों व गतिविधियों के माध्यम से इस पर खास ज़ोर दिया जा रहा है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत प्रत्येक माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसमें परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन लाभार्थियों को उपलब्ध कराये जाते हैं। इसी कड़ी में जिले में 21 जनवरी को आयोजित हुए खुशहाल परिवार दिवस पर इस वित्तीय वर्ष के एक दिन में सबसे अधिक 324 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा प्राप्त करने का रिकॉर्ड कायम किया है।
एसीएमओ डॉ. के.के. वर्मा ने बताया कि परिवार नियोजन संबंधी जागरूकता के लिए प्रत्येक माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को लेकर ब्लॉक स्तर के साथ अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षकों व चिकित्सा केंद्र
प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वह परिवार नियोजन के संसाधन को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए जागरूकता पर जोर दें। यूपीटीएसयू के परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि इस बार खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन जनपद के 16 ब्लॉकों पर किया गया। इस दिवस पर सर्वाधिक 324 महिला द्वारा नसबंदी कराकर रिकॉर्ड कायम किया गया है। इसके अलावा आठ पुरुष नसबंदी, 136 कापर-टी, 3450 प्रसव पश्चात कापर-टी, 768 अंतरा, 224 छाया गोली, 377 माला एन और 2675 कंडोम का नि:शुल्क वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि महिला नसबंदी पर लाभार्थी को 2000 रुपये और आशा कार्यकर्ता को 300 रुपये, पुरुष नसबंदी पर लाभार्थी को 3000 और आशा कार्यकर्ता को 400 रुपये, प्रसव पश्चात कापर टी पर आशा कार्यकर्ता को 150 रुपये और सेवा प्रदाता को 150 रुपये, अंतरा इंजेक्शन पर लाभार्थी को 100 रुपये और आशा कार्यकर्ता को भी 100 रुपये प्रोत्साहन के लिए शासन द्वारा दिए जाते हैं| आगे उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 से 20 जनवरी 2022 तक जनपद में 5446 महिला नसबंदी, 6632 कापर टी, 16572 अंतरा इंजेक्शन की सेवा जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से लाभार्थियों को दिया गया है। रेवतीपुर ब्लाक के रेवतीपुर गांव निवासी अनीता ने बताया कि उनके क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा नसबंदी कैंप की जानकारी मिली थी। कैंप में पहुंचकर नसबंदी कराई। सैदपुर ब्लॉक के मुड़ियार गांव निवासी सावित्री ने बताया कि उनके दो बच्चे थे और क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा उन्हें कैम्प के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने कैंप में पहुंचकर लाभ उठाया। इसके साथ ही शासन से मिलने वाली प्रतिपूर्ति राशि भी मिलने की बात कही गई है।